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    किसान संगठन आज मना रहे विश्वासघात दिवस, देश के 500 जिलों में मोदी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

  • January 31, 2022

    नई दिल्‍ली । संयुक्त किसान मोर्चा Samyukt Kisan Morcha (SKM) आज देशभर में ‘विश्वासघात दिवस’ मनाने जा रहा है. किसानों (Farmers) के साथ हुए धोखे का विरोध करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने 15 जनवरी को हुई अपनी बैठक में यह फैसला किया था. किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) का कहना है कि सरकार के 9 दिसंबर 2021 के जिस पत्र के आधार पर आंदोलन स्थगित किया गया था, उनमें से कोई एक वादा पूरा नहीं किया है. उम्मीद है कि यह प्रदर्शन (Farmer Protest) देश के कम से कम 500 जिलों में आयोजित किया जाएगा.  अब आज यानी कि 31 जनवरी को विरोध प्रदर्शनों के दौरान केंद्र सरकार को एक ज्ञापन भी सौंपा जाएगा.

    राकेश टिकैत ने कहा, ‘मोदी सरकार ने दिल्ली में MSP पर जो भी वादा किया है, उसे पूरा करे. हम चुनाव से अलग हैं. हमारा एक मत है जो हम भी किसी को दे देंगे. मैं किसी का समर्थन नहीं कर रहा. जनता सरकार से खुश होगी तो उन्हें वोट देगी, नाराज होगी तो किसी और को वोट देगी.’ ‘विश्वासघात दिवस’ के चलते देश के कई जिला और तहसील स्तर पर रोष प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे. मोर्चे से जुड़े सभी किसान संगठन जोर-शोर से इसकी तैयारी में जुटे हैं.



    गौरतलब है कि तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसानों ने एक साल से अधिक समय तक आंदोलन किया था. तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के सरकार के फैसले के बाद एसकेएम ने घोषणा की थी कि अगर सरकार उनकी अन्य मांगों को पूरा करने में फेल रहती है तो आंदोलन फिर से शुरू हो सकता है. किसान संगठन एमएसपी पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं.

    मालूम हो कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की मुख्य मांगों को लेकर नवंबर 2020 में किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. किसानों ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी समेत अन्य मांगों पर एक साल से अधिक समय तक सिंघू, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2021 में विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने दिसंबर में दिल्ली की सीमाओं को खाली कर दिया.

    एसकेएम ने ये भी साफ किया कि ‘मिशन उत्तर प्रदेश’ जारी रहेगा, जिसके माध्यम से इस किसान विरोधी शासन को सबक सिखाया जाएगा. एसकेएम ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश के लोगों से अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त नहीं करने और गिरफ्तार नहीं करने के लिए भारतीय जनता पार्टी को सबक सिखाने का आह्वान किया जाएगा, जिनका बेटा कथित तौर पर पिछले साल लखीमपुर खीरी में हुई दुखद घटना में शामिल था.’

     

     

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