उज्जैन। शहर सहित जिले के किसान अब ड्रोन से अपने खेतों में खाद और दवाई का छिड़काव कर सकेंगे, इस तकनीक से दिनभर की मेहनत से जो कार्य होता था वह मात्र एक घंटे में हो जाएगा और पैदावार भी बढ़ेगी। इसका अभी प्रशिक्षण किसानों को दिया जा रहा है।
किसानों को फसल की बुआई से लेकर कटाई तक काफी समय लग जाता है जिसके कारण किसानों को कोई अन्य कार्य करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाता है। ऐसे में किसान नई तकनीकों का इस्तेमाल कर घंटों का काम मिनटों में कर सकते हैं। कृषि तकनीकों की बात करें तो अब ड्रोन का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है। फसलों में उर्वरक और कीटनाशकों का छिड़काव करने के लिए ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है। इतना ही नहीं किसानों को इसके लिए सरकार से सब्सिडी भी मिलेगी। आंकड़ों के मुताबिक हर साल 35 फीसदी फसल कीट, खरपतवार और बैक्टीरिया के कारण बर्बाद हो जाती है जिस वजह से किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे में किसान पारंपरिक तरीके से कीटनाशकों का छिड़काव करते हैं। इस वजह से फसलों के ऊपर कीटनाशक का बुरा प्रभाव पड़ता है, जबकि ड्रोन से छिड़काव करने से पानी, श्रम और पूंजी की बर्बादी नहीं होगी। ड्रोन से कीटनाशकों का छिड़काव करने से किसानों के स्वास्थ्य पर भी कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। उज्जैन सहित जिले के किस भी आधुनिक तकनीक और स ड्रोन के माध्यम से खाद और दवा का छिड़काव कर सके इसके लिए उज्जैन के कृषि अधिकारियों ने उज्जैन जिले के ग्राम करोहन में किसानों को खेत पर ड्रोन के माध्यम से प्रशिक्षण दिया। किसानों के समय की बचत और उनके स्वास्थ्य की रक्षा करने के लिये एग्री ड्रोन का निर्माण किया गया है। ड्रोन के इस्तेमाल से खेतों में खाद या दवा का छिड़काव कम समय में किया जा सकेगा। साथ ही एक एकड़ फसल में खाद या अन्य कीटनाशकों का छिड़काव लगभग 15 मिनिट में किया जा सकेगा। कृषि क्षेत्र में ड्रोन के प्रयोग से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। इसका अनुमानित मूल्य लगभग पांच लाख रुपये से 10 लाख रुपये के मध्य है। मध्य प्रदेश शासन के कृषि कल्याण एवं विकास विभाग द्वारा किसानों को उक्त ड्रोन क्रय करने में अनुदान दिया जायेगा। साथ ही ड्रोन ऑपरेट करने के लिये निर्माणकर्ता कंपनी के अधिकारियों द्वारा प्रशिक्षण भी दिया जायेगा।
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