भोपाल। प्रदेश के किसानों का जल्द ही गेहूं व जौ की नई किस्में मिलने वाली हैं। जो उत्पादन के मामले में किसानों की आय बढ़ाएंगी और पौष्टिकता के मामले में आमजन का स्वास्थ्य बनाएंगी। क्योंकि इन वैरायटी में आयरन व जिंक की मात्रा अन्य वैरायटी से कहीं अधिक होगी। इसके साथ यह तापमान बढऩे पर भी इनकी उत्पादन पर फर्क नहीं पड़ेगा। डॉ. ज्ञानेन्द्र सिंह ने बताया कि गेहूं व जौ में नई वैरायटी रिलीज की जा रही है। जो किसान की आय के साथ कुपोषण मुक्त भारत बनाने में कारगार साबित होंगी और बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराएंगी।
इन वैरायटियों की उत्पादन क्षमता प्रति हैक्टेयर आठ टन प्रति हेक्टेयर है। 38 डिग्री तापमान होने पर भी इसकी उत्पादन क्षमता नहीं गिरेगी। 125 दिन में फसल पककर तैयार होगी और बुवाई का काम अक्टूबर में किया जा सकता है। डीबीडब्ल्यू 303 किस्म में जिंक की मात्रा 12 पीपीएम और आयरन कंटेंट 0.40 पीपीएम उपलब्ध है। यह बायोफोर्टीफाइड किस्मों में शामिल है।
यह वैरायटी आ रही हैं
जो नई वैरायटी आ रही हैं उनमें डीबीडब्लयू 327, 303 की वैरायटी हरियाणा, दिल्ली में इसकी पैदावार अच्छी है। डीबीडब्ल्यू 187 यूपी, विहार, बंगाल और अब मध्य प्रदेश में भी इसकी पैदावार बढ़ाई जाएगी। डीबीडब्ल्यू 222 गेहूं की वैरायटी भी जल्द मध्य प्रदेश में किसानों केा उपलब्ध कराई जाएगी।
बियर बनाने के लिए डीडब्लयूआरपी 137 उपयोगी
डॉ. ज्ञानेन्द्र सिंह बताते हैं कि डीडब्ल्यूआरपी 137 की किस्म हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान में अच्छी पैदावार दे रही है। इसकी उत्पादन क्षमता अच्छी है। इसकी नवंबर में बुवाई हो जाती है और 125 दिन में फसल तैयार हो जाती है। खासियत यह है कि इस फसल से बेबी फूड, बियर और खाने में उपयोग ली जाती है। बियर बनाने के लिए सबसे अच्छी फसल के रूप में इसका सर्वाधिक उपयोग किया जाता है।
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