नई दिल्ली। किसान संगठनों (Farmer organizations) ने सोमवार को 9 घंटे के बंद का आह्वान किया था। किसानों के आंदोलन के चलते सोमवार को कुछ घंटों के लिए पंजाब की रफ्तार (Speed of Punjab) थम गई। किसान मंजदूर मोर्चा (Kisan Manjdoor Morcha) और संयुक्त किसान मोर्चा गैरराजनीतिक (United Kisan Morcha non-political) ने बंद का ऐलान किया था। वहीं आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल (Farmer leader Jagjit Singh Dallewal) के स्वास्थ्य को लेकर सुनवाई करने वाला है। डल्लेवाल पिछले 35 दिनों से भूख हड़ताल कर रहे हैं। उन्होंने अस्पताल में इलाज करवाने से इनकार कर दिया है। पिछली सुनवाई में भी सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार का फटकार लगाते हुए कहा था कि उन्हें किसी तरह इलाज के लिए मनाया जाए।
वहीं सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाया गया पैनल भी 3 जनवरी को किसानों से बात करने वाला है। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के पूर्व जज नवाब सिंह की अध्यक्षता में पैनल बनाया था। पैनल ने किसानों को वर्चुअल मीटिंग के लिए न्योता भेज दिया है। पैनल में हरियाणा के पूर्व डीजीपी बीएस संधू, कृषि एक्सपर्ट देविंदर शर्मा, प्रोफेसर रंजीत सिंह घुम्मन और पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना के प्रोफेसर डॉ. सुखपाल सिंह शामिल हैं।
किसान प्रतिनिधियों ने कन्फर्म किया है कि उन्हें 3 जनवरी को बातचीत करने का न्योता मिला है। कमेटी बनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि किसानों से बात करके उनकी समस्याओं को सुना जाए और उनसे हाइवे के पास से ट्रैक्टर. ट्रॉली और टेंट हटाने का आग्रह किया जाए। बेंच ने कहा था, हमें लगता है कि किसानों को विश्वास में लेना सबसे ज्यादा जरूरी है। बिना देरी के शंभू बॉर्डर और हाइवे से किसानों को हटाने के लिए कमेटी जो भी सुझाव देगी उसपर गंभीरता से विचार किया जाएगा। इससे आम जनता को भी बड़ी राहत मिलेगी। इसके अलावा किसानों को भी राजनीतिक दलों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
बता दें कि सोमवार को सुबह 7 बजे से शाम के 4 बजे तक पंजाब में कई जगहों पर बंद काअसर दिखाई दिया। वंदेभारत सहित 172 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया। वहीं 232 ट्रेनें प्रभावित हुईं। बड़ी संख्या में दुकानें और कारखाने भी बंद रहे। केकेएम और एसकेएम एनपी ने भी इस बंद का समर्थन किया। केकेयू के प्रेसिडेंट दर्शन पाल सिंह ने कहा. हमारे किसानों ने भी 12 जिलों में बंद का समर्थन किया। हम शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर बैठे किसानों की मांगों का समर्थन करते हैं।
डल्लेवाल ने इलाज से किया इनकार
अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को अस्पताल ले जाने के लिए उच्चतम न्यायालय की समय सीमा तेजी से नजदीक आने के बीच सोमवार को पंजाब सरकार ने डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता लेने के लिए मनाने के प्रयास तेज कर दिए। हालांकि, उन्होंने फिर से इनकार कर दिया।पिछले कुछ दिनों में पूर्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जसकरण सिंह के नेतृत्व में राज्य सरकार की एक टीम ने डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता लेने के लिए मनाने के कई प्रयास किए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में पंजाब सरकार को डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया है, साथ ही राज्य सरकार को आवश्यकता पड़ने पर केंद्र से सहायता लेने की भी छूट दी है।
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