भोपाल। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने किसानों से कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र के माध्यम से कृषि की उन्नत एवं आधुनिक तकनीकी की जानकारी प्राप्त करें। कृषि विज्ञान केन्द्र की भी जबावदारी है कि केन्द्र के कृषि वैज्ञानिक एवं अधिकारी गाँव-गाँव में जाकर किसानों को परम्परागत फसलों के साथ औषधीय पौधों की खेती के रूप में सफेद मूसली, अश्वगंधा एवं मशरूम आदि फसले लेने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करें, जिससे खेती लाभ का धंधा बन सके।
डॉ. मिश्रा ने कहा कि 12 वर्ष पूर्व दतिया कृषि उपज मंडी में गेंहूँ दो हजार क्विंटल आता था जो अब बड़कर 50 हजार क्विंटल हो गया है। जबकि धान की आवक 60 से 70 हजार क्विंटल हो गई है। इसके पीछे कृषि की आधुनिक पद्धति के साथ किसानों की मेहनत एवं कृषि वैज्ञानिकों की सलाह रही है। उन्होंने कहा कि कृषि अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिकों की टीम द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र के कार्यों का मूल्यांकन कर उत्कृष्ट पाए जाने पर दतिया का केन्द्र देश में प्रथम स्थान पर रहा है। यह केन्द्र मध्यप्रदेश के सबसे अच्छे केन्द्रों में से एक है।
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