नरसिंहपुर। राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ द्वारा किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन कल 12 अक्टूबर को जनपद मैदान नरसिंहपुर में दिन के 11 बजे से प्रारंभ किया जाएगा। इस विरोध प्रदर्शन को लेकर किसानों ने व्यापक तैयारी की है और बड़ी संख्या में किसान जिला मुख्यालय आएंगे। महासंघ के पदाधिकारियों ने बताया कि लगातार शासन प्रशासन द्वारा किसानों की मांगों की अनदेखी की जा रही है यही कारण है कि लंबे समय से किसानों में रोष है और प्रदर्शन कर किसान अपना रोष प्रकट करेंगे। आंदोलन की रणनीति बनाने के लिए सोमवार को कृषि उपज मंडी परिसर में किसानों की बड़ी बैठक हुई। जिसमें महासंघ में नियुक्ति की गई तथा किसानों को आंदोलन के लिए दायित्व सौंपे गए।
यह हैं प्रमुख माँगे
किसानों की समस्याएं व मांग पत्र में नरसिंहपुर एवं अन्य मक्का उत्पादक जिलों में सरकार द्वारा समर्थन मूल्य या भावांतर योजना के तहत शीघ्र खरीदी की जाए, जिले में अतिवृष्टि के कारण खरीफ की फसलें खराब हुई है, शीघ्र ही जिले में सर्वे कराकर किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ दिलाया जाए एवं सरकार द्वारा किसानों को खराब हुई फसलों के लिए राहत राशि दी जाए। किसानों का गन्ना मिलों से बकाया भुगतान ब्याज जोड़कर शीघ्र दिलाया जाए व आगामी सीजन में मिलों से नियम के अनुसार समय-समय पर 14 दिनों में भुगतान कराए जाने की व्यवस्था की जाए। पूरे सीजन में गन्ने की रिकवरी किसान प्रतिनिधियों के समक्ष हर 15 दिनों में चेक कराकर बढ़ती रिकवरी के आधार पर मूल्य में वृद्धि कर किसानों को वाजिब दाम दिलाया जाए। जिले में सरकारी शुगर मिल बनाई जाए जिससे जिले के किसानों को बाजिव दाम व उचित व्यवस्था (सुविधा) मिल सके। नरसिंहपुर जिले में यूरिया डीएपी एवं पोटाश जैसी महत्वपूर्ण खादों को समय पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जाए। जिले में नकली व अमानक और घटिया बीज, खाद व दवाईयों का विक्रय, जमाखोरी व कालाबाजारी को रोका जाये व जिले में किसान हेल्पलाइन नंबर चलाया जाए साथ ही दोषियों पर सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य दिलाया जाए
विगत कई वर्षों का चना एवं मसूर का रुका हुआ बकाया भुगतान शीघ्र कराया जाए। जिले में आवारा मवेशियों और जंगली सूअरों को नियंत्रित कर उचित व्यवस्था की जाए अन्यथा किसानों की फसलों की नुकसानी का मुआवजा वन विभाग या शासन हर खरीफ एवं रबी की फसलों का सर्वे कराकर किसानों को दे व इनके हमले से यदि कोई किसान घायल होता है तो उन्हें 1 लाख या मृत्यु हो जाने पर परिवार को 5 लाख तक की सहायता राशि शासन द्वारा प्रदान की जाए, सीएम कृषि पंप योजना पुन: चालू की जाए। किसानों को कृषि कार्य हेतु खेतों में 1 दिन में 6-6 घंटे की शिफ्ट में 12 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जाए। साथ ही किसानों के ट्रांसफार्मर जलने (खराब होने पर तीन दिवस के भीतर विद्युत विभाग के खर्चे पर लाकर उनके ही द्वारा रखे जाएं एवं किसानों द्वारा गन्ना क्रेशरो की टीसी कटवाने जो राशि जमा की गई थी उसे रीडिंग के हिसाब से राशि काटकर बकाया राशि किसानों के खातों में शीघ्र वापस डाली जाए, लहसुन की गिरती कीमतों पर रोक लगाई जाए। मध्य प्रदेश सरकार भावांतर योजना चालू कर किसानों का लहसुन खरीदकर किसानों को उचित व लाभकारी मूल्य दिलाया जाए। मध्यप्रदेश में किसानों के लिए खेत सड़क योजना चालू की जाए। जिनको पुन: साफ सफाई और अतिक्रमण मुक्त कराते हुए उन पर मिट्टी, बजरा, गिट्टी, डस्ट आदि डालकर पुन: चालू कराए जाएं , म.प्र. में फल, दूध, सब्जी की एमएसपी तय कर समर्थन मूल्य पर सभी फसलों की खरीदी की गारंटी का कानून बनाया जाए। मध्यप्रदेश में स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ष्ट2प्लस50 प्रतिशत के फार्मूले को लागू किया जाए एवं किसानों को लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य दिलाया जाए। मध्य प्रदेश के सभी किसानों को ऋण मुक्त किया जाए इसके अलावा किसानों से जु?ी अन्य मांग भी शामिल हैं।
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