• img-fluid

    महाराष्ट्र में किसान टमाटरों के कम भाव को लेकर परेशान! खेती की लागत तक नहीं मिल रही

  • September 26, 2023

    नई दिल्‍ली (New Delhi) । एक महीने पहले टमाटर (Tomato) की कीमतें आसमान छू रही थीं। टमाटर मेट्रो सिटीज में 200 रुपये प्रति किलो से ज्यादा तक बिका। अब महाराष्ट्र (Maharashtra) में आलम यह है कि टमाटर के रेट 3-5 रुपये तक हो गए हैं। किसानों (farmers) को टमाटर की खेती की लागत तक नहीं मिल रही है। कई किसान तो खेतों में ही अपनी टमाटर की फसल नष्ट कर दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि बंपर उपज के बाद टमाटर की कीमतें इतनी गिर गई हैं। दरअसल टमाटर मंहगा होने पर कई किसानों के करोड़ों कमाने की खबरें आईं। कई किसानों ने टमाटर उगाने शुरू कर दिए और ज्यादा आवक के चलते अब टमाटर की कीमतें धड़ाम हो गई हैं।

    ​निवेश भी नहीं निकला​
    कई किसानों ने अपनी टमाटर की फसल बेची। उन्हें उनकी उपज का इतना कम रेट मिला कि वे अपने निवेश का आधा भी वसूल नहीं कर पाए। एक एकड़ जमीन पर टमाटर उगाने के लिए किसान को 2 लाख रुपये की पूंजी की आवश्यकता होती है।

    ​90 रुपये का 20 किलो टमाटर​
    पुणे में, बाजार में कीमत घटकर 5 रुपये प्रति किलो हो गई है। नासिक में, पिम्पलगांव, नासिक और लासलगांव में तीन थोक मंडियों में टमाटर की औसत थोक कीमतें पिछले छह हफ्तों में 2,000 रुपये प्रति टोकरा (20 किलोग्राम) से घटकर 90 रुपये हो गई हैं। कोल्हापुर में टमाटर खुदरा बाजारों में 2-3 रुपये प्रति किलो बिक रहा है, जो लगभग एक महीने पहले लगभग 220 रुपये था।


    ​खेतों में छोड़ रहे टमाटर​
    पिछले कुछ हफ्तों में थोक बाजारों में कीमतों में गिरावट के बाद पुणे जिले के जुन्नर और अंबेगांव तहसीलों के किसानों ने टमाटर के बागानों को छोड़ना शुरू कर दिया। महाराष्ट्र के सबसे बड़े थोक टमाटर बाजार पिंपलगांव एपीएमसी में रोजाना टमाटर के लगभग 2 लाख डिब्बों की नीलामी की जा रही है।

    ​नासिक दोगुनी हुई टमाटर की उपज​
    महाराष्ट्र के कृषि विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, नासिक जिले में टमाटर का औसत रकबा लगभग 17,000 हेक्टेयर है, जिसका उत्पादन 6 लाख मीट्रिक टन है। लेकिन इस साल टमाटर की खेती दोगुनी होकर 35,000 हेक्टेयर हो गई, जिसका अनुमानित उत्पादन 12.17 लाख मीट्रिक टन है।

    बंपर पैदावार ने बिगाड़ा खेल​
    नारायणगांव टमाटर बाजार के सचिव शरद गोंगाडे ने कहा, ‘जुलाई में, जब पुणे जिले के नारायणगांव बाजार में थोक मूल्य 3,200 रुपये प्रति टोकरी तक पहुंच गया, तो कई किसानों ने अप्रत्याशित गिरावट की प्रत्याशा में टमाटर की खेती शुरू कर दी। बंपर उपज के बाद उनकी गणना गलत हो गई।’

    ​किसान ने नष्ट कर दी फसल​
    सोलापुर जिले के कोठाले गांव के एक किसान विवेकपति (39) ने अपने डेढ़ एकड़ के भूखंड पर उगाई गई टमाटर की पूरी फसल को नष्ट कर दिया क्योंकि उसे उपज की कटाई और इसे बाजार में ले जाने से बड़ा नुकसान उठाना पड़ता।

    ​1 लाख रुपये किया निवेश, कुछ नहीं निकला​
    विवेक ने कहा, ‘मुझे 100 डिब्बों (प्रत्येक 23 किलोग्राम के) को काटने और पास की मोदीनिम्ब मंडी में ले जाने के लिए 8,500 रुपये खर्च करने पड़ते। मैं एक टोकरी से 4,000 रुपये से अधिक नहीं कमाता। मैंने पौधों, उर्वरकों, श्रम और अन्य चीजों पर लगभग 1 लाख रुपये खर्च किए थे। सोलापुर जिले के कई किसानों ने टमाटर को खेतों में सड़ने दिया या ट्रैक्टरों से फसल को नष्ट कर दिया।

    ​एमएसपी तय करने की मांग​
    जुन्नर और अंबेगांव तहसीलों के किसानों के एक समूह ने पिछले सप्ताह मंचर में मुंबई में एक विरोध प्रदर्शन की योजना बनाने के लिए मुलाकात की, जिसमें मांग की गई कि कीमतों में उतार-चढ़ाव के खिलाफ एक सुरक्षा कवच के रूप में टमाटर के लिए एमएसपी तय किया जाए।

    Share:

    भारत की पहली मूक बधिर वकील, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में की बहस; हो रही तारीफ

    Tue Sep 26 , 2023
    नई दिल्ली। कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तबीयत से उछालो यारो। इन लाइनों को सारा सनी ने साकार किया है। मूक बधिर सारा सनी देश की पहली ऐसी वकील हैं, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में बहस की है। सारा सनी मूलरूप से बेंगलुरु की रहने वाली हैं। हाल ही में […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    मंगलवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved