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किसानों की भूख हड़ताल, केंद्र सरकार 40 संगठनों से फिर बात करना चाहती है

December 21, 2020


नई दिल्ली । नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं. सरकार का दावा है कि यह कानून देश के किसानों के हित में हैं. सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि ठोस समस्याओं का समाधान कर दिया गया है. वहीं किसान हैं कि मानते नहीं. किसान तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं. किसान कंपकंपाती सर्दी में भी 25 दिन से दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं.

सरकार की ओर से किसानों के नाम चिट्ठी लिखी जा रही है तो किसानों की ओर से सरकार के नाम खुला पत्र. अब किसानों की ओर से सभी धरना स्थलों पर भूख हड़ताल का ऐलान किया गया है, वहीं सरकार की ओर से फिर एक चिट्ठी 40 किसान संगठनों के नाम लिखी गई है. कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने क्रांतिकारी किसान मोर्चा समेत 40 किसान संगठनों को चिट्ठी लिखकर एक बार फिर बातचीत का न्योता दिया है.

गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल में कहा कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसानों से बात कर रहे हैं. वे (नरेंद्र सिंह तोमर) एक-दो दिन में आंदोलन खत्म कराने के लिए किसानों से मुलाकात कर सकते हैं. वहीं, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर बड़ा बयान दिया. खट्टर ने कहा कि अगर एमएसपी खत्म करने की कोशिश भी हुई तो राजनीति छोड़ देंगे.

आज किसानों की भूख हड़ताल
अब किसानों ने कृषि कानूनों के खिलाफ एक दिन की भूख हड़ताल का ऐलान किया है. स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव ने कहा है कि 21 दिसंबर को कृषि कानूनों के खिलाफ सभी धरना स्थलों पर किसान 24 घंटे का उपवास शुरू करेंगे.

मन की बात के दौरान थाली पीटने की अपील
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात का 27 दिसंबर को प्रसारण होना है. भारतीय किसान यूनियन के नेता जगजीत सिंह डलेवाला ने अपील की है कि प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम के दौरान पूरे समय थाली पीटते रहें. वहीं, भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता जगजीत सिंह डलेवाला ने भी हरियाणा के किसानों को लेकर नया ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि हरियाणा के किसान 21 दिसंबर को भूख हड़ताल करेंगे. 25 से 27 दिसंबर तक हरियाणा के किसान नाकों पर टोल नहीं देंगे.

राकेश टिकैत की अपील
किसानों के आंदोलन के बीच पड़ रहे किसान दिवस को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने अपील की है. टिकैत ने कहा कि 23 दिसंबर को कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन को देखते हुए लंच न बनाएं. उधर, केंद्र की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता लगातार विपक्ष पर यह आरोप लगा रहे हैं कि विपक्षी दल किसानों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं. विपक्ष तो विपक्ष, टेंशन बढ़ाने में बीजेपी के सहयोगी दल भी कम नहीं. एनडीए में शामिल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के अध्यक्ष हनुमान प्रसाद बेनीवाल ने भी दो लाख किसानों के साथ दिल्ली कूच करने का ऐलान कर सरकार की टेंशन बढ़ा दी है.

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