नई दिल्ली। आगामी 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा (violence in delhi) के बावजूद आज से किसानों (Farmers) को दिल्ली में संसद के समीप ( near Parliament in Delhi) जंतर-मंतर (Jantar Mantar) पर प्रदर्शन करने की इजाजत (permission to perform) मिली, लेकिन दिल्ली पुलिस ने कई शर्तें मानने के बाद यह इजाजत दी है। किसान संसद की अनुमति देने से पूर्व दिल्ली पुलिस और किसानों के बीच कई दौर की वार्ता भी हुई।
पुलिस द्वारा रखी गई यह 10 अहम शर्तें
–किसान हर रोज 11 बजे से लेकर पांच बजे शाम तक प्रदर्शन करेंगे।
–सिंघु बॉर्डर पर इकट्ठा होकर 200 किसान एक साथ करीब पांच बसों में भरकर जंतर मंतर की तरफ सुबह10 बजे रवाना होंगे। सिंघु बॉर्डर के अलावा किसी भी बॉर्डर से किसानों का कोई भी मोर्चा जंतर मंतर की ओर नहीं जाएगा।
–किसानों के साथ साथ पुलिस भी सिंघु बॉर्डर से जंतर-मंतर तक आएगी ताकि किसी तरह की गड़बड़ न हो।
–लगभग 40 संगठनों के 5-5 किसान संसद में हर रोज शामिल होंगे और उन्हीं 5 किसानों में से एक को मॉनिटर बनाया जाएगा और किसी भी गड़बड़ी की परिस्थिति में उसे जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी।
–जो किसान प्रदर्शन में शामिल होंगे, उनकी पहचान पहले से ही सुनिश्चित की जाएगी।
–जंतर मंतर पर प्रदर्शन की जगह सुनिश्चित की जाएगी और यहां सुबह 11 बजे से लेकर शाम के 5 बजे तक किसान संसद चलेगी।
–जंतर मंतर पर सुरक्षा के सभी इंतजाम किए जाएंगे और सीसीटीवी कैमरे की भी नजर होगी, ताकि कोई भी बाहरी व्यक्ति वहां प्रदर्शन में शामिल ना हो पाए।
— पांच बजे शाम प्रदर्शन समाप्त होने के बाद फिर से उन्हीं बसों में भरकर किसान दोबारा सिंघु बॉर्डर पहुंचा दिए जाएंगे।
–किसान प्रदर्शन के दौरान कोविड गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करेंगे।
–किसान संसद में मंच संचालित होगा और ये संचालन प्रदर्शन में शामिल हो रहे किसान ही करेंगे। (एजेंसी, हि.स.)
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