- भूमि अधिग्रहण के विरोध में रैली के रूप में कलेक्टर कार्यालय पहुँचकर आपत्ति जताई
उज्जैन। विक्रम उद्योगपुरी योजना से 7 गांवों के किसानों की भूमि अधिग्रहण में जा रही है। इसके विरोध में आज बुधवार सुबह विक्रम उद्योगपुरी से किसान ट्रैक्टर व अन्य वाहनों पर सवार होकर रैली के रूप में नागझिरी, तीन बत्ती चौराहा होते हुए टॉवर चौक पहुंचे। यहां उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया और फिर कोठी की ओर रवाना हो गए। वहां किसानों ने कलेक्टर के समक्ष ज्ञापन देकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई।
उल्लेखनीय है कि विक्रम उद्योगपुरी के लिए अधिग्रहण होने वाली भूमि में 7 गांव चैनपुर, हंसखेड़ी, कड़छा, नरवर, मुंजाखेड़ी, गांवड़ी, माधोपुर और पिपलोदा, द्वारकाधीश के 700 किसानों की 2500 बीघा सिंचित भूमि का अधिग्रहण करने की शासन प्रशासन की योजना है। टॉवर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बताया कि इससे लगभग 15 हजार लोगों को बेघर किया जा रहा है। गांव की समस्त भूमि उपजाऊ हैं और यहां के किसान कई पीढिय़ों से खेती करके ही परिवार का भरण पोषण कर रहे है। सरकार ने प्रथम बार 2011-12 में जब भूमि अधिग्रहण किया था तो वादा किया था कि यहां पर एजुकेशन हब और कॉलेज, आईआईएम कॉलेज, मेडिकल कॉलेज और छात्रों के रहने की रेसिडेंशियल बिल्डिंग डेवलप करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं करते हुए भूमि को एमपीआईडीसी को उद्योग क्षेत्र डेवलपमेंट के लिए दे दी गई। जिसका सभी किसान घोर विरोध कर रहे हैं। किसानों ने बताया कि अधिग्रहण की सूचना की तारिख 3 सितंबर के आधार पर धारा 15 (1) के अधीन 60 दिन में आपत्ति का समय दिया गया था। उसके अनुसार 700 किसानों में से 680 किसानों ने 7 अक्टूबर को भू-अर्जन विभाग में आपत्ति दर्ज करवा दी थी। जो कुल भूमि की 96 प्रतिशत आपत्ति है। अगर इन 7 गांवों की भूमि अधिग्रहण होती हैं तो समस्त गांव के किसान और उनका परिवार बेरोजगार हो जायेंगे और सभी किसान अपने परिवार सहित विस्थापित होने पर मजबूर हो जायेंगे।