• img-fluid

    मुर्गियों को भांग खिला रहे किसान… वजह जानकर हो जाएंगे हैरान

  • June 17, 2022


    लम्पांग: एंटीबायोटिक्स से बचाने के लिए थाईलैंड के किसान अपनी मुर्गियों (Chickens) को भांग (Cannabis) खिला रहे हैं. थाईलैंड के उत्तर में मौजूद शहर लम्पांग (Lampang) में पोल्ट्री फॉर्म वाले किसानों ने वैज्ञानिकों के कहने पर पॉट-पोल्ट्री प्रोजेक्ट (Pot-Poultry Project – PPP) शुरु किया है. यह प्रोजेक्ट चियांग माई यूनिवर्सिटी के कृषि विभाग के वैज्ञानिकों के कहने पर शुरु किया गया है. इसके बारे में सबसे पहली रिपोर्ट न नेशन थाईलैंड में छपी थी.

    किसानों ने कहा कि उन्होंने अपनी मुर्गियों को एंटीबायोटिक्स लगवाए थे. लेकिन उसके बाद भी मुर्गियों को एवियन ब्रॉन्काइटिस (Avian Bronchitis) नाम की बीमारी हो गई. इसके बाद इन मुर्गियों को PPP के तहत भांग वाली डाइट पर रख दिया गया. यहां पर कुछ फार्म हैं, जिनके पास भांग उगाने का लाइसेंस हैं. उन्हें ये देखना था कि भांग की वजह से मुर्गियों की सेहत पर क्या फायदा होता है?

    1000 से ज्यादा मुर्गियों को दिया गया भांग से मिला खाना
    PPP एक्सपेरिमेंट में 1000 से ज्यादा मुर्गियों अलग-अलग मात्रा में भांग की डोज दी गई. ताकि उन पर होने वाले अलग-अलग असर को देखा जा सके. इनमें से कुछ को सीधे पत्तियां दी गईं तो कुछ को पानी में भांग घोलकर दिया गया. इसके बाद वैज्ञानिक मुर्गियों पर लगातार नजर रख रहे थे. ताकि मुर्गियों के विकास, सेहत और उनसे मिलने वाले मांस और अंडों पर क्या फर्क पड़ रहा है.


    भांग खाने वाली मुर्गियों के मांस और व्यवहार में फर्क नहीं
    वैज्ञानिकों ने अभी तक इस एक्सपेरीमेंट का कोई डेटा पब्लिश तो नहीं किया है लेकिन उनका दावा है कि जिन मुर्गियों को भांग खिलाई गई, उनमें से कुछ को ही एवियन ब्रॉन्काइटिस बीमारी हो रही है. वो भी कम मात्रा में. एक्सपेरिमेंट से मुर्गियों से मिलने वाले मांस पर कोई असर नहीं आया. न ही मुर्गियों के व्यवहार में किसी तरह का बदलाव दिखा. स्थानीय लोगों ने भांग खाने वाली मुर्गियों को पकाकर चावल के साथ खाया भी लेकिन उन्हें भी किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आई.

    भांग-गांज को लीगल करने वाला पहला एशियाई देश है थाईलैंड
    अब इस एक्सपेरिमेंट की सफलता के बाद कई किसान खुद से आगे आकर अपनी मुर्गियों को भांग खिलाने वाले प्रोजेक्ट में शामिल हो रहे हैं. किसान चाहते हैं कि अगर भांग से बिना किसी नुकसान के मुर्गियों को एंटीबायोटिक और बीमारियों से बचाया जा सकता है, तो इसमें किसी तरह की बुराई नहीं है. थाईलैंड ने इसी महीने भांग को लेकर अपने नियमों में थोड़ी ढील दी है. थाईलैंड एशिया का पहला देश है जिसने भांग को डिक्रिमिनिलाइज किया है. लेकिन भांग को किसी अन्य तरीके से सेवन करने पर कड़ी सजा है.

    नए बदलाव के बाद अब थाईलैंड में भांग (Cannabis) और गांजा (Marijuana) की उपज और बिक्री पर रोक हट गई है. इनका दवाओं में उपयोग भी वैध कर दिया गया है. हां ज्वाइंट बनाकर थाईलैंड में नहीं पी सकते. लेकिन लोगों को भांग मिले हुए ड्रिंक्स और खाद्य पदार्थ बेचने की सीमित छूट मिली है. लेकिन ऐसे खाद्य पदार्थों में टेट्राहाइड्रोकैनाबिनॉल (THC) की मात्रा 0.2 फीसदी होनी चाहिए.

    Share:

    मां का हत्यारोपी बोला- 'जेल में 3 साल ही रहना है, नेता बनना चाहता हूं'

    Fri Jun 17 , 2022
    लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 16 साल के नाबालिग बेटे के द्वारा मां की हत्या की कहानी नए मोड़ पर पहुंच चुकी है. अब इस केस में तीसरे शख्स की एंट्री हुई है, जिसकी वजह से पूरे हत्याकांड की रूपरेखा तैयार हुई थी. नाबालिग आरोपी से बाल सुधार गृह की टीम पूछताछ कर […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved