इंदौर (Indore)। धर्म की आड़ में किसान के खेत पर जेसीबी (JCB) चलाकर उजाड़ बनाकर छोड़ दिया। बेटमा में हुई पं. प्रदीप मिश्रा की कथा के बाद किसान न्याय के लिए दर-दर की ठोकर खा रहा है। मेढ़ तोड़ी, बड़े झाड़ काट दिए। अब किसान ने कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है। जनसुनवाई में पहुंचे 93 वर्षीय बसंतीलाल पिता बद्रीनारायण शारदा ने कलेक्टर से रोते हुए गुहार लगाई कि धर्म के नाम पर मेरी रोजी-रोटी छीन ली गई। खेत पर पं. पंडित मिश्रा की कथा आयोजित करने के नाम पर उपजाऊ खेत को उजाड़ बना दिया गया। कई बार शिकायत करने के बावजूद आयोजकों ने फलदार वृक्षों को नुकसान पहुंचाया और खेत की मेढ़ तोड़ दी।
सिंचाई के लिए खोदी गई नालियों में गंदा पानी प्रवाहित किया और कुएं के साथ पानी में मिला दिया गया। कलेक्टर से शिकायत करते हुए बसंतीलाल ने बताया कि कृषि बंदोबस्त करते हुए खेत के चारों ओर लगाए गए सीमांकन के पत्थर तोड़ दिए गए हैं। शासन से मदद लेकर खेतों को पानी देने के लिए बांध स्कीम के तहत नालियां बनाई गई थीं, जिन्हें भी आयोजकों ने खत्म कर दिया, जिससे किसान को न केवल आर्थिक हानि उठाना पड़ी, बल्कि पूर्वजों के समय बनाए गए पानी के स्रोत कुएं को गंदे पानी से भर दिया गया। जनसुनवाई में कलेक्टर ने जहां दिव्यांग महिला को व्हीलचेयर के लिए 50 हजार की आर्थिक सहायता दी, वहीं एक छात्रा को लैपटॉप खरीदने के लिए 40 हजार रुपए भी मुहैया कराए।
ग्रेच्युटी व जीपीएफ के लिए भटक रहे कर्मचारी
सामान्य भविष्यनिधि व ग्रेच्युटी जैसी हक की राशि के लिए रिटायरमेंट के बाद सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों को अपने ही विभागों के चक्कर काटना पड़ रहे हैं। जनसुनवाई में पूर्व में पहुंचे आधा दर्जन से अधिक मामलों के बाद कल फिर जीपीएफ को लेकर होमगार्ड के जवान ने मदद की गुहार लगाई। सेवानिवृत्त मुख्य वाहन चालक ज्योतिकुमार सुनेरिया निवासी गुरु नानक नगर पीपल्याराव ने कलेक्टर से शिकायत करते हुए कहा कि 2017-18 से लेकर आज तक वह ग्वालियर से लेकर इंदौर तक सभी विभागों के चक्कर काट चुका है, लेकिन उसके हक का पैसा नहीं दिया जा रहा। कलेक्टर ने तत्काल ट्रेजरी अधिकारी को तलब कर उक्त प्रकरण की जांच एक दिन में कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए।
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