लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अब श्रम विधेयक पारित होने को लेकर केन्द्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट किया कि भाजपा सरकार अपने चंदा देने वाले पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए पहले किसानों के शोषण का बिल लाई और अब अपने उद्योगपतियों को ही लाभ पहुंचाने के लिए श्रमिक-शोषण के एकतरफा बिल लाई है। अखिलेश ने कहा कि जिनके लिए बिल, भाजपा उनकी तो सुनें। भाजपा सत्ता की खुमारी में रायशुमारी की हत्या कर रही है।
वहीं सरकार के मुताबिक नए श्रम कानून से देश के संगठित व असंगठित दोनों ही प्रकार के श्रमिकों को कई प्रकार की नई सुविधाएं मिलेंगी। सभी श्रमिकों को नियुक्ति पत्र देना अनिवार्य होगा। उनके वेतन का डिजिटल भुगतान करना होगा। साल में एक बार सभी श्रमिकों का हेल्थ चेकअप भी अनिवार्य किया गया है। वहीं, उद्यमियों के कारोबार को आसान बनाने के लिए कई प्रावधान लाए गए हैं।
इससे पहले समाजवादी पार्टी कृषि विधेयकों के मुद्दे पर लगातार सरकार को घेरने में जुटी है। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव नेइ इसे लेकर कहा था कि भाजपा बताए कि उनके दिखावटी सदस्यता अभियान की तरह न्यूनतम समर्थन मूल्य पाने के लिए भी कोई मिस्डकॉल नम्बर होगा क्या? अब किसान हर गांव में भाजपा का खेत खोदकर, इन्हें जड़ से उखाड़कर बताएंगे कि कैसे ‘न्यूनतम समर्थन’ के धोखे के बदले वो इनके विरुद्ध ‘अधिकतम विरोध’ कर भाजपा का ही दाना-पानी बंद कर देंगे।
अखिलेश यादव आरोप लगा चुके हैं कि भाजपा ने कृषि बिल पारित कराने के लिए ‘ध्वनि मत’ की आड़ में राज्य सभा में किसानों व विपक्ष की आवाज़ का गला दबाया व अपने कुछ चुनिंदा पूंजीपतियों व धन्नासेठों के लिए भारत की दो तिहाई जनसंख्या को धोखा दिया है लोकतांत्रिक कपट कर भाजपा ने कृषि बिल नहीं अपना ‘पतन-पत्र’ पारित कराया है। (एजेंसी, हि.स.)
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