नई दिल्ली (New Delhi) । केंद्र सरकार (Central government) के साथ चौथे दौर की बातचीत में नतीजा नहीं निकलने के बाद किसान नेताओं (farmer leaders) ने फिर से बुधवार को दिल्ली कूच (Delhi march) का आह्वान किया है। इसके बाद से दिल्ली पुलिस अलर्ट मोड पर है। इसे लेकर सुरक्षा से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक की है। तमाम सुरक्षा तैयारियों के बीच हरियाणा-पंजाब को जोड़ने वाले शंभू बॉर्डर के सुरक्षा इंतजाम का भी दिल्ली पुलिस ने जायजा लिया है। इसका मकसद हरियाणा पुलिस की रणनीति को समझना था, ताकि दिल्ली पुलिस की ओर से सीमावर्ती इलाकों में की गई तैयारियों के बीच अगर कुछ प्वाइंट पर या फिर सुरक्षा लेयर बढ़ाने की गुंजाइश है तो उस पर काम किया जा सके।
किसानों को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए पूरी तरह तैयार दिल्ली पुलिस ने सीमावर्ती इलाकों में मल्टी लेयर की सिक्योरिटी का इंतजाम किया। रास्ते में बैरिकेड लगाकर कंटेनर खड़े कर दिए गए हैं। साथ ही सुरक्षा घेरे को मजबूत करने के लिए बैरिकेडिंग पर लोहे की तार लगाई गई है। भारी संख्या में पुलिस बल और अर्धसैनिक बल की तैनाती की गई है।
किसान नेता पंढेर बोले- पीएम मोदी आगे आएं
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, ‘हमने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की। हम बैठकों में शामिल हुए, हर बिंदु पर चर्चा हुई और अब फैसला केंद्र सरकार को लेना है। हम शांत रहेंगे…प्रधानमंत्री को आगे आना चाहिए और हमारी मांगों को स्वीकार करना चाहिए। 1.5-2 लाख करोड़ रुपये ज्यादा बड़ी रकम नहीं है…इन बाधाओं को हटाकर हमें दिल्ली की ओर मार्च करने की अनुमति दी जानी चाहिए…’
शम्भू सीमा पर डटे किसान, सरकार के सामने रख दी शर्त
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा, ‘हमारा इरादा किसी तरह की अराजकता पैदा करने का नहीं है… हमने 7 नवंबर से दिल्ली जाने का कार्यक्रम बनाया है। अगर सरकार कहती है कि उन्हें पर्याप्त समय नहीं मिला तो इसका मतलब है कि सरकार हमें नजरअंदाज करने की कोशिश कर रही है… ये ठीक नहीं है कि हमें रोकने के लिए इतने बड़े-बड़े बैरिकेड लगाए गए हैं। हम शांति से दिल्ली जाना चाहते हैं, सरकार बैरिकेड हटाकर हमें अंदर आने दे… नहीं तो हमारी मांगें मान लें… हम शांत हैं… अगर वे एक हाथ बढ़ाएंगे तो हम भी सहयोग करेंगे… हमें धैर्य के साथ स्थिति को संभालना होगा… मैं युवाओं से अपील करता हूं कि वे नियंत्रण न खोएं…’
किसानों की नई मांग- MSP के लिए संसद सत्र बुलाए सरकार
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने मंगलवार को कहा कि केंद्र को फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून लाने के वास्ते एक दिन का संसद सत्र बुलाना चाहिए। उन्होंने केंद्र से कृषि ऋण माफी समेत किसानों की अन्य प्रमुख मांगों को स्वीकार करने को भी कहा। किसानों ने सरकार के 5 साल के प्रस्ताव पर इनकार कर दिया है।
सरकार की किसान संगठनों से शांति बनाए रखने की अपील
पंजाब-हरियाणा बार्डर पर प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के बुधवार सुबह 11 बजे दिल्ली कूच के ऐलान के बाद कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सभी किसान संगठन व सरकार मिलकर इस मुद्दे को संवाद से समाधान की तरफ ले जाना चाहिए। इसमें शांति और वार्ता लगातार जारी रखते हुए हमें आगे बढ़ना चाहिए। देश के लोग और हम सभी शांति चाहते हैं। हम सब मिलकर समाधान निकाले और ऐसे विषयों पर हम गंभीरता से विचार करें। कृषि मंत्री ने कहा कि हमारी कुछ प्रस्ताव पर बातचीत हुई लेकिन उस प्रस्ताव से वे लोग (किसान नेता) सहमत नहीं हुए। हमारी ये बातचीत और वार्ता जारी रहनी चाहिए। हम अच्छा करना चाहते हैं इसलिए इसका एक मात्र सुझाव संवाद का है मैं सभी से अपील करूंगा कि वो संयम बनाए रखें, वार्ता जारी रखें और समाधान निकाले।
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