नई दिल्ली: भारत की पारुल चौधरी (Parul Chaudhary of India) ने एशियन गेम्स में इतिहास रच दिया (Created history in Asian Games) है. उन्होंने 5000 मीटर रेस में गोल्ड मेडल जीता (won gold medal) है. एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल (Gold Medal in Asian Games) जीतने वालीं पारुल चौधरी भारत की तीसरी ट्रैक और फील्ड एथलीट बन गई हैं. पारुल ने 3000 मीटर रेस में भी भारत को सिल्वर मेडल जिताया था. पारुल का स्वर्ण 2023 एशियाई खेलों में ट्रैक और फील्ड में भारत का तीसरा स्वर्ण है, जो शॉटपुटर तजिंदरपाल सिंह तूर और पुरुषों की 3000 मीटर स्टीपलचेज विजेता अविनाश साबले द्वारा जीते गए पदकों में शामिल है.
पारुल चौधरी किसान परिवार से आती हैं. वह कभी पैदल स्टेडियम जाती थीं. आज वह देश की नंबर वन धावक हैं. पारुल के पिता का नाम किशनपाल है. पारुल की बहन भी धावक है. मेरठ के दौराला क्षेत्र के इकलौता गांव की रहने वाली पारुल ने लॉस एंजिलिस में 3000 मीटर में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था. उन्होंने लॉस एंजिलिस में साउंड रनिंग सनसेट टूर वन दौरान राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया और महिला 3000 मीटर स्पर्धा में नौ मिनट से कम समय लेने वाली देश की पहली एथलीट बनीं.
पारुल चौधरी ने 9 मिनट 27.63 सेकेंड के समय के साथ रजत पदक जीता. उन्होंने बहरीन की धाविका से 9 सेकेंड से भी अधिक समय लिया. प्रीति ने 9 मिनट 43.32 सेकेंड के समय के साथ कांस्य पदक हासिल किया. प्रीति ने अपना निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. पारुल भी एशियाई खेलों के रिकॉर्ड से बेहतर प्रदर्शन करने में सफल रहीं, लेकिन यह उनके राष्ट्रीय रिकॉर्ड के आसपास भी नहीं था. उन्होंने इस साल अगस्त में बुडापेस्ट में विश्व चैंपियनशिप के दौरान नौ मिनट 15.31 सेकेंड के समय के साथ राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था और पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए क्वालीफाई किया था.
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