सीहोर: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में मानसून के दौरान बादल आफत बनकर बरसे. मौसम विभाग (Meteorological Department) के मुताबिक प्रदेश में 1 जून से अब तक 18 फीसद अधिक बारिश (Rain) हुई है. भोपाल सहित आसपास के जिलों में लगातार बारिश की वजह से किसानों की मुसीबत बढ़ गयी है. कटाई के बाद खेतों में रखी सोयाबीन की फसल जलमग्न हो गयी.
सीहोर जिले में किसानों ने मुआवजे की मांग के लिए अनूठा तरीका अपनाया. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्यमंत्री मोहन यादव का ध्यान विरोध प्रदर्शन के जरिये आकर्षित किया. प्रदर्शनकारी किसानों ने पेड़ों पर चढ़कर घंटी और शंख बजाये. पीड़ित किसानों ने बताया कि लगातार बारिश से खेती किसानी को काफी क्षति पहुंची है. सोयाबीन की फसल मंडी में पहुंचने से पहले खराब होने लगी है.
परिवार के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में सरकार से फसल की क्षति पूर्ति किये जाने की बड़ी उम्मीद है. नुकसान पर मुआवजा मिलने से किसानों की परेशानी कम होगी. इसलिए सरकार तक आवाज पहुंचाने के लिए पेड़ों पर चढ़कर घंटी और शंख बजाने को मजबूर होना पड़ा. समाजसेवी एमएस मेवाड़ा के नेतृत्व में किसानों ने प्रदर्शन किया. विरोध स्वरूप फसल हाथों में लेकर खराब फसल को दिखाने की कोशिश की.
बता दें कि जिले के दर्जनों गांव में सोयाबीन फसल अधिक वर्षा से खराब होने की स्थिति में आ गयी है. ग्राम लसुडिय़ा धाकड़, चंदेरी, रामाखेड़ी, रलावती, छोटी कुलांस, तज, संग्रामपुर सहित दर्जनों गांवों के किसानों ने पेड़ों पर घंटी और शंख बजाकर सरकार का ध्यान खींचा. किसानों ने मांग की है कि आरबीसी 64 के अंतर्गत राहत राशि दिलवाई जाए. किसानों को बीमा की राशि दिलाई जाए,. सोयाबीन की फसल 6000 रुपये प्रति क्विंवटल की दर से खरीदारी सरकार करे.
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