नई दिल्ली। सरकार ने किसानों (government farmers) की सभी मांगें मान ली है और इस संबंध में केंद्र सरकार (the central government in relation to) की तरफ से संयुक्त किसान मोर्चे (united farmers front) के एक चिट्ठी भी भेजी गई हैं। अब सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि दो दिनों के अंदर बॉर्डर खुल जाएंगे और किसान बॉर्डर को खाली कर देंगे। संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े सूत्रों के का कहना है कि जिन बॉर्डरों पर किसानों का आंदोलन चल रहा है उसे खाली करने में 2 दिन लग सकते हैं। सरकार के नए प्रस्ताव पर पहले संयुक्त किसान मोर्चा की पांच नेताओं की कमिटी ने नई दिल्ली में बैठक की और फिर सिंघु बॉर्डर पर मोर्चा की बड़ी बैठक में प्रस्ताव को मंजूर कर लिया गया। बुधवार को हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि जो सरकार की तरफ से हमारी मांगों को लेकर ड्राफ्ट आया है, हमने उसे स्वीकार कर लिया है, अब बस हम सरकार की तरफ से ऑफिशियल लेटर का इंतजार कर रहे हैं।
किसानों की मांग है।
– किसान संगठन किसानों पर दर्ज सभी मुकदमों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। किसान साल 2017 से लटके मामलों का हवाला दे रहे हैं।
– किसान आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों के आश्रितों को पंजाब मॉडल के तर्ज पर मुआवजा दिया जाए। इसके तहत मृत किसानों के परिजनों को 5 लाख रुपया और घर के किसी एक सदस्य को नौकरी दी जाए।
– लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्ती की जाए।
– MSP पर कमेटी में एसकेएम के सदस्य शामिल हों।
– पराली जलाने पर किसानों पर ना हो FIR दर्ज।
– किसानों के लिए बिजली बिल पर सभी की राय ली जाए।
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