जबलपुर। मानसून के कदम आकर ठहर गए हैं। बारिश पर गर्मी का संक्रमण चल रहा है। इस कारण खरीफ की फसलों पर आफत आ गई है। आधे आषाढ़ में जिले के खेत हरियाली से लहलाने लगते थे, इस बार उनमें धूल उड़ रही है। बारिश ने किसानों को चिंतित कर दिया है। समय पर बारिश नहीं होने से सूखे के हालात बनने लगे हैं। मानसून की उदासीनता से कई किसानों ने बीज तक नहीं खरीदे हैं।
जबलपुर, गोटरगाव, नरसिंहपुर, सिहोरा, के किसानों ने बोवनी कर दी थी, लेकिन गर्मी से फसलें मुर्झाने लगी हैं। इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि वह महंगे बीज व डीजल पर पैसे खर्च कर चुके हैं। हालात ये हैं कि एक सप्ताह बारिश नहीं होती है तो इन जिलों में फसलें सूख जाएंगी। अमूमन जून के आखिरी सप्ताह में जबलपुर सहित अन्य जिलों में मानसून सक्रिय हो जाता था। औसत बारिश होने से खरीफ की बोवनी हो जाती और तापमान भी नीचे आ जाता था, लेकिन इस बार मानसून के कदम ठहर गए हैं। प्री-मानसून भी नहीं बरस सका है, धरती तप रही है। बोवनी के लिए औसत बारिश 100 से 120 मिमी चाहिए। जबलपुर जिला इससे काफी पीछे हैं। औसतन तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के नीचे रहना चाहिए, जबकि तापमान 40 डिसे के ऊपर तक जा रहा है। इससे फसल सूख जाएंगी।
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