नई दिल्ली (New Dehli)। किसान दिल्ली कूच (Delhi march)की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, पुलिस उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल (use of gas)करना पड़ रहा है। हालांकि, किसानों ने अपने ही तरीके से इस परेशानी(Trouble) का भी हल ढूंढ लिया है। दिल्ली से जुड़ने वाली सीमाओं पर वे जूट की थैलियों, पतंगों और मुल्तानी मिट्टी की मदद ले रहे हैं। सरकार ने साफ किया है कि वह किसानों से बात करने के लिए तैयार हैं
किसानों के ‘दिल्ली चलो’ विरोध प्रदर्शन पर लगाम लगाने के लिए पुलिस आंसू गैस के गोले गिराने वाले ड्रोन की मदद ले रही है। अब पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर पुलिस को ड्रोन का जवाब किसान पतंग उड़ाकर दे रहे हैं। दरअसल, वे इस उम्मीद में रहते हैं कि ड्रोन पतंग में फंस जाएगा और गिर जाएगा।
इसके अलावा किसानों ने ठंडक के लिए जानी जाने वाली मुल्तानी मिट्टी का सहारा भी लिया है। वे आंसू गैस से होने वाली जलन से बचने के लिए इसे अपने चेहरों पर लगा रहे हैं। किसान आंसू गैस के गोले का असर कम करने के लिए गीले जूट के थैलों का इस्तेमाल कर रहे हैं। मंगलवार को ही किसानों और हरियाणा पुलिस के बीच झड़प हुई थी, जहां भीड़ को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस और पानी की बौछार का उपयोग किया गया था।
आज होगी तीसरी बैठक
तीन केंद्रीय मंत्री गुरुवार को चंडीगढ़ में किसान नेताओं के साथ उनकी मांगों को लेकर बैठक करेंगे। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि शाम पांच बजे केंद्रीय मंत्रियों अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय के साथ बैठक होगी। फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी सहित उनकी मांगों को लेकर किसान नेताओं और केंद्र के बीच यह तीसरे दौर की बैठक होगी। इससे पहले दोनों पक्षों के बीच दो बैठकें बेनतीजा रही हैं।
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