– नेशनल हाईवे खुलवाने के लिए सरकार आज करेगी बैठक
चण्डीगढ। हरियाणा (Haryana) के गृह मंत्री अनिल विज (Home Minister Anil Vij) ने कहा है दिल्ली की सीमा पर अब किसान (Farmer ) आंदोलन नहीं बल्कि गदर (not movement but mutiny) कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के आंदोलन में लोग तलवारें लेकर नहीं आते हैं। आंदोलन में लोग लाठियां नहीं मारते ना ही आंदोलन में लोग आने-जाने वालों का रास्ता नहीं रोकते। किसी भी सूरत में किसानों के इस व्यवहार को आंदोलन का रूप नहीं कहा जा सकता।
अनिल विज ने मंगलवार रात को जारी अपने बयान में कहा कि ‘‘आंदोलन में तो लोग धरने देते हैं, भूख हड़तालें करते हैं, यहां पर ऐसी-ऐसी घटनाएं हुई हैं कि भूख हड़ताल करके लोगों ने अपनी जिंदगियां दे दी’’।
एनएचआरसी द्वारा किसान आंदोलन के संबंध में मांगी गई जानकारी के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में विज ने कहा कि किसान आंदोलन के संबंध में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को हरियाणा सरकार की ओर से सब कुछ बताया जा रहा है ओर एनएचआरसी ने जो भी जानकारी हमसे मांगी हैं हम पूरी जानकारी देंगे। इसके अलावा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में भी एफिडेविट दाखिल किया है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश भी आए हैं कि वहां पर रास्ता दिलाया जाए। उसके लिए हमने 15 सितम्बर को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक रखी है और इस संबध में फैसला लिया जाएगा।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के आर्थिक नुकसान के संबंध में दिए गए बयान पर हरियाणा के गृह मंत्री ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को प्रजातांत्रिक मुख्यमंत्री के तौर पर यह बात नहीं कहनी चाहिए कि आपने जो गड़बड़ करनी है वो हरियाणा व दिल्ली में जाकर करो। एक मुख्यमंत्री के तौर पर उनका यह कहना गलत है कि मेरे यहां मत करो, हरियाणा व दिल्ली में जाकर करों। विज ने कहा कि ‘‘ये बहुत ही गैर-जिम्मेदाराना है और इससे यह सिद्ध होता है कि जो आंदोलन खड़ा हुआ है इसके पीछे अमरिंदर सिंह का ही हाथ है। अमरिंदर सिंह ने ही अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए इसे जिंदा रखा हुआ है’’।
विज ने कहा कि हमने उनके (पंजाब के मुख्यमंत्री) बयान का पूरी तरह से खंडन किया है और कहा है कि एक मुख्यमंत्री को इस प्रकार से नहीं कहना चाहिए कि आप हरियाणा या दिल्ली में करों, इसका मतलब वह हरियाणा व दिल्ली की शांति को भंग करना चाहते हैं। (एजेंसी, हि.स.)
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