– खराब सोयाबीन की फसल पर
इंदौर। मौसम की मार के कारण पीला मोजक वायरस की चपेट में आई सोयाबीन की फसल बर्बाद होने से किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। इसके कारण कहीं किसान खेतों में खड़ी सोयाबीन की फसल पर ट्रैक्टर चला रहे हैं तो कहीं आग लगाकर दूसरी फसलों की बुवाई के लिए खेत बराबर कर रहे हैं।
3 महीने कड़ी मेहनत करके लागत लगाकर मुनाफे की उम्मीद लगाए किसान को आज कुछ हाथ नहीं लगा। इंदौर जिलेभर के किसानों द्वारा रोजाना कहीं रोटावेटर के माध्यम से खड़ी सोयाबीन की फसल को जमीन में दबाया जा रहा है तो कहीं खेतों में ही मजदूरों से कटवाकर जलाया जा रहा है। खाती पीपल्या के किसान कैलाश भगवान और भेरूलाल चौधरी ने एक बीघा सोयाबीन खराब होने के कारण मजदूरों से कटवाकर जला दी, साथ ही 5 बीघा की सोयाबीन में फूल-फल नहीं आने पर उसे भी जलाने की तैयारी में हैं। इसी तरह बेगमखेड़ी के किसान शंकर पिता अंतरसिंह ने भी सोयाबीन फसल कटवाकर जला दी। किसान का कहना है कि लागत लगाकर बोई गई फसल में कुछ भी हाथ नहीं लगा। अब तक सरकार ने राहत राशि देने में भी हाथ नहीं बढ़ाए। खाती पीपल्या के किसान संजू पिता बद्री पटेल ने 2 बीघा सोयाबीन की फसल में रोटावेटर करके उसे नष्ट करवाया। किसान का कहना है कि बोने से लेकर काटने तक कुछ नहीं मिला। इसी प्रकार सांवेर, हातोद एवं शिप्रा, चंद्रावतीगंज, गौतमपुरा क्षेत्र के कई गांवों में किसान खेतों में ही सोयाबीन की फसल जला रहे हैं।
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