तरनतारन । किसानों (Farmers) ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में (In Haryana Assembly Elections) भाजपा प्रत्याशियों के खिलाफ (Against BJP Candidates) विरोध प्रदर्शन की घोषणा की (Announced Protest) ।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय किसान यूनियन (शहीद भगत सिंह) ने कहा कि वे चुनाव प्रचार के दौरान शांतिपूर्ण तरीकों से सवाल पूछेंगे और अपनी मांगों को लेकर जागरूकता फैलाएंगेभारतीय किसान यूनियन (शहीद भगत सिंह) के नेताओं ने किसान महापंचायत को सफल बनाने के लिए सभी किसानों, मजदूरों और नौजवानों का आभार व्यक्त किया। संगठन का मकसद जागरूकता फैलाना है और यह सुनिश्चित करना है कि पिछले चुनावों में किए गए वादों को उम्मीदवार याद रखें और आगामी वादों के लिए स्पष्ट समयसीमा और पारदर्शी नीतियां घोषित करें।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किसान नेताओं ने अपना 9 सूत्रीय डिमांड चार्टर भी जारी किया, जिसमें प्रमुख मांगें शामिल हैं : भूमि अधिग्रहण अधिनियम को लागू किया जाए और किसानों को जमीन का चार गुना मुआवजा दिया जाए। आवारा पशुओं से फसल और लोगों की सुरक्षा के लिए ठोस समाधान निकाला जाए।जुमला मालिकाना, देह शामलात और अन्य जमीनों पर जनता को उनका हक दिलाने के लिए विधानसभा में कानून बनाए जाएं। तेलंगाना की तर्ज पर किसानों और मजदूरों की कर्जमाफी के लिए व्यापक नीति बनाई जाए। फसल बीमा योजना को सरकारी खर्चे पर लागू किया जाए, ताकि किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से बचाया जा सके। किसान आंदोलन के दौरान झूठे मामलों में फंसे किसानों की रिहाई और जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ न्यायिक कार्रवाई की जाए। मौजूदा विपक्ष से स्पष्ट किया जाए कि सत्ता में आने पर वे किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलनों पर क्या रुख अपनाएंगे। मजदूरों और भूमिहीन किसानों को ब्याज रहित ऋण दिया जाए। राज्य में उभरते खिलाड़ियों के लिए स्कॉलरशिप और स्पॉन्सरशिप की नीति बनाई जाए।
संगठन ने साफ किया कि किसानों का मकसद केवल सवाल पूछना है, और अगर उन्हें रोकने की कोशिश की जाती है, तो वे शांतिपूर्ण विरोध करेंगे। संगठन ने सभी किसानों से अपील की है कि विरोध के दौरान संयम बनाए रखें और किसी भी स्थिति में आपसी भाईचारा खराब न होने दें। किसान नेताओं ने जोर देकर कहा कि सवाल पूछना उनका संवैधानिक अधिकार है और वे चुनाव के दौरान इस अधिकार का पूरा प्रयोग करेंगे।
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