सीहोर. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) से राजस्थान की रामगंज मंडी (Ramganj Mandi) तक नई रेलवे लाइन (new railway line) बिछाई जा रही है. बताया जा रहा है कि इस रेलवे लाइन के बन जाने के बाद विकास और तेजी से होगा. लेकिन, ये रेलवे लाइन अब विवादों (Controversies) में आ गई है. जिस जगह ये रेलवे लाइन बन रही है उस जगह के ग्रामीणों का आरोप है कि कंस्ट्रक्शन कंपनी (construction company) दी हुई जमीन से ज्यादा की खुदाई कर रही है. इस तरह किसानों के साथ छलावा हो रहा है. उनकी कृषि भूमि को खत्म किया जा रहा है. गांववालों का आरोप है कि कंपनी को कुछ कहते हैं तो वह जेल भेजने की धमकी देती है. सरपंच भी मदद नहीं कर रहे.
बता दें, भोपाल से राजस्थान की रामगंज मंडी के लिए प्रस्तावित निर्माणाधीन नई रेलवे लाईन सीहोर की श्यामपुर तहसील से होकर निकाली जा रही है. लेकिन, ग्राम बिछिया के किसानों के लिए इसका बेतरतीब निर्माण अब परेशानी का सबब बन गया है. गुस्साए ग्रामीणों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर अपना शिकायती आवेदन दिया. दरअसल, इसका निर्माण करने वाली एजेंसी रेलवे लाइन बिछाने के लिए मिट्टी और मुरम के साथ यहां लगातार खुदाई कर रही है. अब इस जमीन को लेकर ग्रामीणों का आरोप है कि रेलवे की आवंटित जमीन के अलावा एजेंसी गांववालों की निजी जमीन पर खुदाई कर रही है. इस तरह एजेंसी यहां किसानों के साथ छलावा कर रही है.
ये कंपनी कर रही कंस्ट्रक्शन का काम
बता दें, इस नई रेल लाइन का निर्माण शार्प्स कंस्ट्रक्शन कंपनी कर रही है. ग्रामीणों का आरोप है कि एजेंसी ग्राम बिछिया की जमीन पर बेहिसाब खुदाई कर रही है. कंपनी की इस मनमानी की वजह से यहां गहरे गड्ढा हो गया है. इसमें पानी भी भर गया है. इस गड्ढे गिरकर बीते दिनों 12 साल के बच्चे की दर्दनाक मौत भी हो चुकी है. इस तरह यह कंस्ट्रक्शन कंपनी बिछिया में कृषि भूमि को भी खराब कर रही है.
गांववालों ने लगाया इतना बड़ा आरोप
ग्रामीणों के साथ शिकायत करने कलेक्ट्रेट आए राजकुमार ने बताया कि खनिज विभाग ने कंस्ट्रक्शन कंपनी को 8 हेक्टेयर जमीन दी थी. इस जमीन के अलावा कंस्ट्रक्शन कंपनी का प्रबंधन 4 हेक्टेयर और खोद चुका है. यानी, 8 की जगह 12 हेक्टेयर जमीन इस कंपनी ने खोद दी है. ये बेतरतीब जमीन खोद रहे हैं. उन्होंने जमीन को 20 से 25 फीट नीचे तक खोद दिया है. बीच में बारिश हुई तो इसमें पानी भर गया था. उस गड्ढे में एक बच्चे की मौत हो गई. हमारे मवेशी इन गड्ढों में गिरकर मर जाते हैं. जब हम कंपनी को कुछ कहते हैं तो वो हमें जेल में भिजवाने की धमकी देते हैं. इस बारे में सरपंच भी हमारी कोई मदद नहीं कर रहे. वो हमसे कहते हैं कि मैं कुछ लिखित में नहीं दे सकता. जहां जाकर शिकायत करनी हो कर दो.
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