नई दिल्ली। सिंधु बॉर्डर पर किसानों को बैठे 21 दिन हो गए हैं। किसानों का कहना है कि 21 हों या फिर सौ दिन, कृषि बिल जब तक वापस नहीं होता है, यहीं पर बैठे रहेगें। सरकार हमारी ठंड और गर्मी की चिंता छोड़ दे। दूसरी तरफ पुलिस फोर्स भी हमेशा की तरह से हर एक पर पैनी नजर बनाए हुए हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उनको आंदोलनकारियों का सहयोग मिल रहा है। अगर कोई परेशानी दूसरी तरफ से होती है तो वह किसान नेताओं को तुरंत बुलाकर मामले की जानकारी देते हैं। जिसपर कार्रवाई भी होती है।
सोशल मीडिया पर आंदोलन से जुड़े वीडियो व मैसेज पर नजर
किसान आंदोलन जब से शुरू हुआ है, सोशल मीडिया पर इसका सकारात्मक और नकारात्मक प्रचार करने के लिए लोग वीडियो बनाकर अपलोड कर रहे हैं। कुछ ऐसे वीडियो भी सामने आए हैं, जो सुरक्षा के लिहाज से ठीक नहीं हैं। ऐसे वीडियो पर खुफिया तंत्र की साइबर क्रॉइम की टीमें नजर रखे हुए हैं। इसको कौन डाल रहा है। व्यूअर्स वीडियो देखकर क्या कमेंटस कर रहे हैं। कौन कौन वीडियो को शेयर कर रहा है। उसके बारे में पूरी जानकारी ली जा रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि जब भी कोई आंदोलन व प्रदर्शन होता है तो सुरक्षा एजेंसियों की साइबर क्रॉइम टीमें तुरंत एक्टिव हो जाती हैं। इस आंदोलन में भी ऐसा ही हुआ है लेकिन इस बार कुछ ज्यादा ही आंदोलनकारी सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं और उनकी मंशा पर भी शक है।
लंबी लड़ाई के लिए सोलर पैनल व इन्वर्टर तक का इंतजाम
सिंधु बॉर्डर पर किसान 20 दिनों से डटे हुए हैं और अपनी तैयारियां पूरी करके आए हैं। केवल खाने-पीने और रहने का सामान ही नहीं बल्कि इलेक्ट्रॉनिक सामान को किस तरीके से चार्ज किया जाए और मोबाइल का इस्तेमाल करके सोशल मीडिया से इस आंदोलन को जोड़े रखने के लिए सोलर पैनल भी किसान साथ लेकर के आए हैं। साथ ही एक बैटरी है, जिससे सोलर पैनल के द्वारा चार्ज किया जाता है और उसके साथ कई मोबाइल चार्ज होते हैं। इससे इनका आंदोलन सोशल मीडिया पर भी आगे बढ़ रहा है।
सोलर पैनल और इन्वर्टर चलाकर बिजली का प्रबंध
किसान अपनी ट्रॉलियों में सोलर पैनल और इन्वर्टर लगाकर आए हैं। इन्हें पहले से आशंका थी कि आंदोलन लंबा चलेगा। किसानों ने बताया कि इन्हें परिवार से संपर्क में रहने के लिए मोबाइल की जरूरत होती है। उसे चार्ज करने और लंगर में लाइट की जरूरत पड़ती है, इसलिए ये इंतजाम किए है। इन्होंने बताया मोबाइल चार्ज होने पर ये दुनिया से जुड़े रहे थे और हर अपडेट मिलता रहता है। इस एक ट्रॉली पर जो सोलर पैनल लगा है उससे तीन ट्रॉलियों में बिजली प्रयोग कर रहे हैं। इस तरह से कई जगह पर ट्रॉलियों में सोलर पैनल व इन्वर्टर लगा है। ट्रैक्टर में इन्वर्टरऔर ट्रॉली में सोलर पैनल लगा लिया गया। इसके द्वारा इन्वर्टर को चार्ज करके अपने मोबाइल को चार्ज रखते हैं, जिससे इस आंदोलन को सोशल मीडिया से भी जोड़ कर के रखा जा सके।
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