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किसान आंदोलन से जुड़े संत ने खुद को मारी गोली, सुसाइड नोट में लिखा- किसानों का दर्द देखा नहीं जाता

December 17, 2020

नई दिल्ली । कुंडली सिंघु बॉर्डर पर संत बाबा राम सिंह ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। मामले की सूचना मिलते ही लोकल पुलिस व हरियाणा पुलिस मौके पर पहुंचीं। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए नजदीकी अस्पताल के शवगृह में सुरक्षित रखवा दिया है। समाचार लिखे जाने तक उक्त घटना में एक बार फिर सीमा विवाद सामने आया है। दरअसल सिंघु बॉर्डर से आठ किलोमीटर की दूरी पर यह घटना हुई है। इसमें हरियाणा पुलिस और दिल्ली पुलिस सीमा को लेकर बात कर रही हैं। दिल्ली पुलिस सूत्रों की मानें तो घटना हरियाणा क्षेत्र में हुई है। पुलिस को घटना स्थल से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

पुलिस के अनुसार बुधवार दोपहर को पुलिस को सूचना मिली कि सिंघु बॉर्डर से करीब आठ किलोमीटर की दूरी पर एक व्यक्ति ने खुद को गोली मार ली है। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल व्यक्ति को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक की पहचान संत बाबा राम सिंह के रूप में हुई है। वह सींगड़ा स्थित गुरुद्वारा नानकसर के संत बताए जा रहे हैं।

मृतक के पास से मिला सुसाइड नोट
पुलिस को मृतक के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जोकि पंजाबी भाषा में लिखा है। नोट में लिखा है कि मैंने किसानों का दुख देखा है। अपने हक के लिए सड़कों पर उन्हें देखकर मुझे दुख हुआ है। सरकार इन्हें न्याय नहीं दे रही है, जो कि जुल्म है, जो जुल्म करता है वह पापी है, जुल्म सहना भी पाप है। किसी ने किसानों के हक के लिए तो किसी ने जुल्म के खिलाफ कुछ किया है। किसी ने पुरस्कार वापस करके अपना गुस्सा जताया है। किसानों के हक के लिए, सरकारी जुल्म के गुस्से के बीच सेवादार आत्मदाह करता है। यह जुल्म के खिलाफ आवाज है। यह किसानों के हक के लिए आवाज है, वाहे गुरु जी का खालसा, वाहे गुरुजी की फतेह।

गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष ने दुख जताया
आज की उक्त घटना पर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि वह एक बहुत बड़े महापुरुष थे। उन्होंने पूरा जीवन मानवता की सेवा में लगाया। आज उन्होंने गोली मारकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने लिखा है कि मेरे से किसानों का दर्द देखा नहीं जाता, किसान सड़क पर बैठा है।

कांग्रेस के प्रवक्ता ने दुख जताया
कुंडली बार्डर पर किसानों के लिए संघर्ष करने वाले करनाल के संत राम सिंह की आत्महत्या बेहद दुखद है। विनम्र श्रद्धांजलि ! मोदी जी, शीतलहर के बीच किसानों की भावनाओं से खिलवाड़ को तत्काल छोड़िए। ये राजहठ आत्मघाती है, क्योंकि ये देश की आत्मा-अन्नदाता की जान का दुश्मन बन बैठा है।

आंदोलन में सक्रिय सहभागिता थी बाबा राम सिंह की
बाबा राम सिंह जिले के सींगड़ा स्थित गुरुद्वारा नानकसर के संत बताए जा रहे हैं, जिनके काफी समर्थक हैं। विदेश में भी उनके अनुयायी हैं। अभी उनका शव करनाल नहीं आया है। लोगों की मानें तो बाबा राम सिंह किसान आंदोलन में सक्रिय सहभागिता कर रहे थे। वह पांच दिन पूर्व सिंघु बॉर्डर गए थे तो उन्होंने पांच लाख रुपये की मदद दी थी और कल पांच हजार कंबल बंटवाए थे। बीती रात करनाल आए थे और आज सुबह बॉर्डर पर लौट गए थे। बकौल जोगा सिंह, वह काफी परेशान लग रहे थे। खासकर, धरने पर बैठे बुजुर्गों, महिलाओं को लेकर उन्हें काफी चिंता थी।

पुलिस कर रही है मामले की जांच
पुलिस सूत्रों की मानें तो बाबा राम सिंह ने अपनी सुरक्षा के लिए लाइसेंसी हथियार रखा हुआ था लेकिन आत्महत्या किस हथियार से की, यह अभी साफ नहीं हो पाया है। परिवार के लोगों को मामले की सूचना दे दी गई।

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