इंदौर। 4 साल पहले इंदौर से 186 किसानों से उपज खरीदकर एक ही परिवार की पांच अलग-अलग फर्म के व्यापारी रफूचक्कर हो गए थे। तब से किसान पौने तीन करोड़ रुपए की राशि का इंतजार कर रहे हैं। अलग-अलग अधिकारियों के चक्कर लगाए, ज्ञापन सौंपे गए, लेकिन किसान अभी तक खाली हाथ हैं। इंदौर आगमन पर मुख्यमंत्री से किसान समस्या का निराकरण चाहते हैं। साथ ही प्याज में भावांतर की राशि, सोयाबीन और गेहूं की फसल पर बोनस की मांग भी किसानों ने की है।
संयुक्त किसान मोर्चे के बबलू यादव, शैलेंद्र पटेल ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार ने 2019 में ब्याज पर 6 रु. किलो भावांतर दिए जाने का वादा किया था। गेहूं पर पिछला बकाया बोनस, सोयाबीन पर 500 रुपए क्विंटल भावांतर के भुगतान की घोषणा पर अभी तक अमल नहीं हुआ है। किसान संगठन प्रदेश के नए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के इंदौर आगमन पर गुहार लगाएंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलने का समय भी मांगा है। किसानों का कहना है कि उनकी मांग वाजिब है और यह पूरी होना चाहिए। किसान नेता दिलीपसिंह पवार लसूड़िया, दूलेसिंह राठौड़ निपानिया का कहना है कि सरकार को किसानों की समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए। किसान दिन- रात कठिन परिश्रम व मेहनत करता है, लेकिन उसके साथ वादाखिलाफी होती है तो वह दु:खी होता है। इसलिए सरकार किसानों के साथ वादाखिलाफी नहीं कर। उन्होंने जल्द समस्याओं का निराकरण करने की मांग की।
आरोपी अभी ….दो बार कलेक्टर के आदेश की अवहेलना…!
संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि जिन 186 किसानों के गेहूं खरीदी भुगतान का पौने तीन करोड़ रुपए अभी तक अटका हुआ है और व्यापारी रफूचक्कर हो गए हैं, इसके लिए किसानों ने संबंधित व्यापारी की संपत्तियां भी जब्त करा दी थीं। किसानों का कहना है कि तत्कालीन कलेक्टर ने दो बार मंडी निधि से भुगतान करने के निर्देश दिए थे, लेकिन इस पर आज तक अमल नहीं हुआ। अब किसान नए मुख्यमंत्री से इस मामले में निराकरण की उम्मीद लगाए हुए हैं।
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