नई दिल्ली । ‘मिनी पंजाब’ बने सिंघु बॉर्डर (Singhu border) पर अब किसान (farmer) अनूठी तकनीक का सहारा लेकर खाना बना रहे हैं। करीब 200 लीटर डीजल की खपत कर वह बड़े बर्नर से एक टन चाय रोजाना बनाते हैं। नाश्ते के लिए लगभग 10 हजार ब्रेड पकोड़ों को डीजल बर्नर के माध्यम से ही बनाया जा रहा है।
लंगरघर में शामिल कुलवंत ने बताया कि प्रदर्शन में किसानों के लिए नाश्ता तैयार करने के लिए उनकी जिम्मेदारी रहती है। जब लंगर की शुरुआत हुई थी तब बड़ी संख्या में गैस सिलिंडर का इंतजाम नहीं हो सका था। यह देखते हुए नाश्ता बनाने के लिए बड़े डीजल बर्नरों को चुना गया। कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित पेट्रोल पंप से प्रतिदिन 200 लीटर डीजल के ड्रम भरकर लाए जाते हैं, जिनसे एक दिन में करीब एक टन चाय और 10 हजार ब्रेड पकोड़े नाश्ते में बनाते हैं।
टोंटी से की जाती है डीजल की आपूर्ति
कुलवंत ने बताया कि डीजल के बड़े टैंक को विभिन्न बर्नर के साथ जोड़ा गया है। इन बर्नर के बाहर दो टोटी लगाई गई हैं। इनमें से बूंद बूंद कर डीजल बर्नर में पहुंचता है। बर्नर में हवा देने के लिए एक पंखे की भी व्यवस्था की गई है, जिसकी तेज हवा के कारण आग की आंच तेज हो जाती है। इससे गैस के मुकाबले कम समय में नाश्ते को तैयार कर लिया जाता है।
300 किलो के टैंक में भर दी जाती है चाय
चाय को तैयार करने के बाद उसे 300 किलो के टैंक में भर दिया जाता है। यह टैंक विशेषकर चाय के लिए बनाया गया है। इसके नीचे भी एक बर्नर लगा हुआ है, जिसे गैस सिलिंडर से जोड़ा गया है। बर्नर को धीमी आंच पर पूरा दिन चालू रखा जाता है, जिससे दिनभर चाय गरम रहती है और प्रदर्शन में शामिल लोग ठंड से बचने के लिए गरम चाय का आनंद लेते रहते हैं।
40 लोग तैयार करते हैं नाश्ता
हजारों लोगों को नाश्ता कराने के लिए 40 लोग इस काम में जुटे रहते हैं। कुलवंत ने बताया कि दिन में कई ऐसे लोग भी आते हैं जो अपनी मर्जी से यहां सेवा देते हैं।
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