नई दिल्ली । किसानों की मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठे पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल (Farmer leader Jagjit Singh Dallewal) को चक्कर आ रहा है और उल्टी हो रही है और वह “आज बोल भी नहीं पा रहे हैं”। चिकित्सकों और आंदोलनकारी किसानों ने रविवार को उनकी भूख हड़ताल (Hunger strike) के 41वें दिन यह जानकारी दी। डल्लेवाल (70) ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद पंजाब सरकार (Punjab Government) द्वारा दी जा रही चिकित्सा सहायता लेने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी के खिलाफ अवमानना याचिका पर सोमवार को सुनवाई करने वाला है।
पटियाला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नानक सिंह और पूर्व उप महानिरीक्षक नरिंदर भार्गव ने रविवार को खनौरी सीमा पर डल्लेवाल से मुलाकात की, लेकिन कोई बात नहीं बन पाई। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के संयोजक डल्लेवाल फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी की मांग सहित किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर पिछले साल 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी सीमा पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं।
डल्लेवाल के स्वास्थ्य के बारे में गैर सरकारी संगठन ‘5 रिवर्स हार्ट एसोसिएशन’ की टीम का हिस्सा डॉ अवतार सिंह ने रविवार को कहा कि पिछले दिन खनौरी में ‘किसान महापंचायत’ के दौरान उनके रक्तचाप में उतार-चढ़ाव आया था।
चिकित्सक ने बताया, “जब उन्हें वापस उनके टेंट में ले जाया जा रहा था तो उन्हें चक्कर आने लगा और उल्टी होने लगी। किसानों को संबोधित करने के लिए डल्लेवाल को स्ट्रेचर की मदद से मंच पर लाया गया। अपने 11 मिनट से अधिक के संबोधन में डल्लेवाल ने यह संदेश देने की कोशिश की कि किसानों का कल्याण उनके जीवन से अधिक महत्वपूर्ण है। एसकेएम (गैर-राजनीतिक) ने रविवार को एक बयान में कहा कि डल्लेवाल को शनिवार से कई बार उल्टी हुई है।
अनशन तोड़ने पर भी खतरा
उन्होंने कहा, “वह आज बोल भी नहीं पा रहे हैं।” उन्होंने कहा, “यदि डल्लेवाल अपनी भूख हड़ताल समाप्त भी कर देते हैं, तो भी खतरा है कि उनके सभी अंग शत प्रतिशत काम नहीं कर पाएंगे।” उन्होंने कहा कि डल्लेवाल ठीक से खड़ा नहीं हो पाते हैं, इसलिए उनका वजन सही ढंग से नहीं मापा जा सकता। पिछले कई दिनों में पंजाब सरकार ने अधिकारियों के माध्यम से डल्लेवाल को यह समझाने का कई बार प्रयास किया कि यदि वह अपना अनशन नहीं तोड़ना चाहते तो भी चिकित्सा सहायता ले लें, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की उच्चतम न्यायालय की पीठ सोमवार को पंजाब के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के खिलाफ अवमाननायाचिका पर सुनवाई करेगी, जिसमें डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने के आदेश का पालन न करने का आरोप लगाया गया है। पंजाब सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि उसका डल्लेवाल को मौजूदा आंदोलन स्थल से हटाने का कोई इरादा नहीं है। किसान नेताओं ने पहले कहा था कि डल्लेवाल अनशन के दौरान पानी के अलावा कुछ भी नहीं ले रहे हैं। इस बीच किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंढेर ने रविवार को कहा कि किसान सोमवार को शंभू बॉर्डर पर दसवें सिख गुरु, गुरु गोविंद सिंह का गुरुपर्व मनाएंगे।
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