भोपाल। किसान कर्जमाफी को लेकर भाजपा-कांग्रेस के बीच वार-पलटवार जारी है। भाजपा किसान कर्जमाफी को लेकर कांग्रेस को घेर रही है। योजना में फर्जीवाड़ा का आरोप लगाकर जांच के लिए मंत्रियों का समूह बना दिया है। इसके विपरीत कांग्रेस का दावा है कि उसने एक साल के अंदर 22 लाख से ज्यादा किसानों के कर्ज माफ किए। चरणबद्ध तरीके से वह हर किसान का कर्ज माफ करने वाली थी लेकिन भाजपा ने षड्यंत्र कर सरकार गिरा दी। लिहाजा, कमलनाथ के नेतृत्व में पूर्व मंत्रियों के एक समूह ने नए सिरे से जवाबी रणनीति तैयार की है। फोकस इस बात पर है कि विधानसभा चुनावों की तरह इसे उप चुनावों में भी कैसे भुनाया जाए। साफ है, कांग्रेस किसान कर्जमाफी मुद्दे को छोडऩे वाली नहीं और इसे केंद्र में रखकर 27 विधानसभा सीटों के उप चुनावों में उतरने की तैयारी में है। भाजपा इसे लेकर कांग्रेस को एक्सपोज करने का कोई अवसर नहीं छोडऩा चाहती। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस ने किसानों को छला। सात दिन में किसानों का कर्जमाफ करने का वादा था लेकिन किसी का नहीं किया। कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों पर जवाबी योजना तैयार की है। इसके तहत कांग्रेस किसानों की जुबानी, कर्ज माफी की कहानी अभियान प्रदेश भर में छेड़ेगी। फोकस उपचुनाव वाले विधानसभा क्षेत्रों पर होगा। कांग्रेस यहां कर्ज़माफी योजना का फायदा लेने वाले किसानों के वीडियो तैयार करेगी। इसमें किसान खुद कर्ज माफी का लाभ मिलने की पूरी जानकारी देंगे। यह वीडियो हर किसान तक पहुंचाने की योजना है।
कर्जमाफी के लाभार्थियों की सूची तैयार
कमलनाथ सरकार ने जिन 22 लाख किसानों के कर्ज माफ किए हैं, उनकी सूची तैयार कर ली गई है। इनमें अधिकांश किसान ऐसे हैं, जिनका 50 हजार रुपए तक का कर्ज माफ हुआ है। इन किसानों तक पहुंच कर कांग्रेस वीडियो तैयार करेगी। ये वीडियो सोशल मीडिया में भी पोस्ट किए जाएंगे। कांग्रेस यह भी बताएगी कि कर्जमाफी का दूसरा चरण प्रारंभ हो चुका था और तीसरे चरण की तैयारी थी। इसके बाद सभी किसानों का कर्ज माफ हो जाता लेकिन भाजपा ने ऐसा नहीं होने दिया। इसीलिए कांग्रेस शिवराज सरकार से मांग कर रही है कि उसके द्वारा शुरू की गई जय किसान कर्जमाफी योजना को चालू रखा जाए।
हर बूथ पर किसान सैनिक होंगे तैनात
किसान कर्जमाफी योजना को भुनाने के लिए कमलनाथ ने किसान कांग्रेस को सक्रिय किया है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुर्जर का कहना है कि हर बूथ में किसान सैनिक तैनात किए जा रहे हैं। बड़ी तादाद में तैनाती हो चुकी है, शेष बूथों में भी हो जाएगी। ये किसान सैनिक बूथ स्तर पर किसान कर्ज माफी से जुड़े किसानों की जानकारी वीडियो पर जुटाकर अपलोड करेंगे। साफ है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में गेम चेंजर रहे इस मुद्दे को भाजपा लपक रही है और कांग्रेस भी इसे छोडऩा नहीं चाहती।
जांच के लिए बना मंत्रियों का समूह
भाजपा सरकार के कृषि मंत्री कमल पटेल प्रारंभ से किसान कर्जमाफी को लेकर पूववर्ती कमलनाथ सरकार पर हमलावर हैं। उनका कहना है कि कर्जमाफी के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है। वे किसानों का आह्वान कर रहे हैं कि जिन किसानों को कर्जमाफी के प्रमाण पत्र मिले हैं लेकिन कर्जमाफ नहीं हुआ, वे पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराएं। हालांकि अब तक एक भी किसान द्वारा ऐसी रिपोर्ट लिखाने की खबर नहीं है। बहरहाल, शिवराज सरकार ने किसान कर्जमाफी में फर्जीवाड़ा की जांच के लिए मंत्रियों का एक समूह गठित कर दिया है। इसके जरिए कांग्रेस को एक्सपोज करने की कोशिश होगी।
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