• img-fluid

    साइकिल से अचार बेचती थीं “किसान चाची”, ऐसे तय किया पद्मश्री तक का सफर

  • May 10, 2022

    नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े सम्मान पद्म श्री को पाना आसान नहीं है। देश की एक किसान और गांव में रहने वाली महिला 65 साल की राजकुमारी देवी को आज पूरा देश किसान चाची (Kisan Chachi) के नाम से जानता है। जी हां, यह वही महिला हैं जो साइकिल से अचार बेचकर ‘साइकिल चाची’ के नाम से मशहूर हुईं। उसके बाद बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के सरैया प्रखंड के आनंदपुर गांव की रहने वाली राजकुमारी देवी ने ‘किसान चाची’ बनकर नई मशाल जलाई है। जानते हैं उनके इस सफर की कहानी…

    कैसे बनीं ‘साइकिल चाची’ से ‘किसान चाची’
    बढ़ती उम्र और जीवनभर के संघर्ष के बाद, उनकी तबियत बिगड़ी. वह साइकिल चलाने की कोशिश करती तो बीमार हो जातीं, हाल ही में मीडिया से बात करते हुए किसान चाची ने बताया कि मुझे थोड़ी देर के लिए भी खाली बैठना पसंद नहीं है. डॉक्टर ने अभी साइकिल चलाने से मना कर दिया है, लेकिन दूसरी महिलाओं के साथ मिलकर अचार बनाने का काम मैं आज भी करती हूं।


    बेटा देता है काम में साथ
    उन्होंने बताया कि अब वह खेती के काम को मुनाफे का बिजनेस करती हैं, इसलिए उन्हें लोग किसान चाची कहते हैं. उन्होंने बताया कि खेती के काम में उनका बेटा अमरेंद्र उनका साथ देता है. जबकि, प्रोडक्शन का काम वह खुद ही संभालती हैं।

    टीचर बनने का था सपना
    आपको जानकर हैरानी होगी कि राजकुमारी देवी एक समय में टीचर बनने का सपना देखती थीं. उन्होंने साल 1990 से उन्होंने आर्थिक हालत सुधारने के लिए फैसला लिया. उन्होंने पति के साथ मिलकर खेती करने की शुरुआत की थी. इसके बाद, उन्होंने जैविक तरीकों से खेती कर उत्पादन को कई गुना बढ़ा दिया, जिसकी वजह से वह आस-पास के किसानों के बीच मशहूर हो गईं।

    फूड प्रॉसेसिंग की ट्रेनिंग ली
    इसके बाद उन्होंने साल 2002 में इस क्षेत्र में एक कदम आगे बढ़ाया, उन्होंने विज्ञान केंद्र से फूड प्रॉसेसिंग की ट्रेनिंग ली और अपना छोटा सा काम शुरू किया. अपने इस काम को बढ़ाने के लिए उन्होंने अचार बनाना तो सीखा ही साथ ही उन्होंने साइकिल चलाना भी सीखा. इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

    महिलाओं को करती हैं प्रेरित
    इसके बाद वह अपने काम के साथ लगातार ही कृषि विज्ञान केंद्र से जुड़ी रहीं और वहां से आयोजित होने वाले मेलों में भाग लेती रहीं. इस तरह के कार्यक्रमों से वह महिलाओं के कई समूहों से जुड़ीं और बस मेहनत करती गईं. ऐसे में उन्होंने कई महिलाओं को प्रेरित किया. इसके बाद उन्होंने साल 2006 में उन्हें ‘किसान श्री सम्मान’ पाया. इसके बाद से ही लोग उन्हें ‘किसान चाची’ के नाम से जानने लगे।

    Share:

    पंजाब के बाद महाराष्ट्र में आतंक फैलाने की कोशिश, नागपुर रेलवे स्टेशन पर मिला विस्फोटक से भरा बैग

    Tue May 10 , 2022
    नागपुर । पंजाब के मोहाली में खुफिया विभाग के मुख्यालय में हुए धमाके की सनसनी के बीच महाराष्ट्र (Maharashtra) में नागपुर रेलवे स्टेशन (Nagpur Railway Station) के मेन गेट के बाहर सोमवार शाम को जिलेटिन की 54 छड़ों और एक डेटोनेटर से भरा एक बैग (Bag) मिला। जिसके बाद रेलवे स्टेशन पर हड़कंप मच गया। […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    मंगलवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved