मुख्त्यारनामा कर बिके हुए भूखंडों की जमीन बेच डाली, प्रशासन ने दर्ज करवाई आधा दर्जन के खिलाफ धोखाधड़ी की एफआईआर
इन्दौर।
प्रशासन (Administration) ने भगोड़े और चर्चित भूमाफिया (Land Mafia) चिराग शाह (Chirag Shah) सहित 6 लोगों के खिलाफ कल रात लसूडिय़ा थाने (Lasudia Thane) में एफआईआर (FIR) दर्ज करवाई। कैलोदहाला (Kailodhala) में फिनिक्स टाउन (Phoenix Town) के नाम से फिनिक्स देवकॉन प्रा.लि. (Phoenix Devcon Pvt Ltd) ने कालोनी (Colony) विकसित की, जिसमें भूखंडों (Plots) की हेराफेरी की गई और रजिस्ट्री किए हुए 26 भूखंडों को सीधे किसान से अवैध मुख्त्यारनामा करवाते हुए हड़प लिए। इसके चलते भूमाफियाओं (Land Mafia) के साथ-साथ किसान भी फंस गया। उसके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज हो गई। हालांकि गृह निर्माण संस्थाओं से लेकर निजी कम्पनियों की टाउनशिप में किसानों के साथ मिलकर इस तरह की कई धोखाधड़ी की गई है।
ऑपरेशन माफिया (Operation Mafia) के तहत पूर्व में दीपक मद्दे ( Deepak Madde) , संघवी सहित अन्य भूमाफियाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई, वहीं सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर रीतेश अजमेरा (Ritesh Ajmera) उर्फ चम्पू, हैप्पी धवन और चिराग शाह से संबंधित कालोनियों की जांच भी चल रही है। सैटेलाइट हिल्स घोटाले (Satellite Hills Scam) के साथ ही कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) फिनिक्स टाउन कालोनी की जांच भी करवा रहे हैं। अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेड़ेकर ने इस पूरे घोटाले की बारीकी से जांच की और उसके बाद कल रात लसूडिय़ा थाने (Lasudia Thane) पर एफआईआर दर्ज करवाई। इस मामले में तथ्य यह है कि कैलोदहाला के एक दर्जन से अधिक सर्वे नम्बरों की लगभग 100 एकड़ जमीन पर नगर तथा ग्राम निवेश से तीन अलग-अलग अभिन्यास मंजूर करवाकर फिनिक्स टाउन नामक कालोनी विकसित की गई, लेकिन कई खरीददारों को भूखंड का ही कब्जा नहीं मिला। लगातार शिकायत के बाद पिछले दिनों शिविर लगाकर कुछ पीडि़तों को कब्जे दिलवाए, वहीं जांच में पता चला कि कुछ लोगों की भूखंडों की जमीनें अन्य को बेच दी गईं. जबकि नक्शा मंजूरी के बाद कृषि भूमि ना होकर भूखंडों में परिवर्तित हो चुकी थी। दीपक अग्रवाल निवासी अपटाउन अपोलो के बयान जब प्रशासन ने लिए, तो उसने बताया कि फिनिक्स टाउन का नक्शा मंजूरी के बाद कालोनी की जमीन में से सर्वे नम्बर 262/2, जिसका रकबा 0.734 हेक्टेयर होता है, के संबंध में चिराग शाह ने किसान गजराज सिंह से दीपक अग्रवाल के पक्ष में मुख्त्यारनामा 18.02.2014 को बिना किसी भूखंड के उल्लेख किए निष्पादित करवा दिया, जिसके आधार पर दीपक अग्रवाल ने इस खसरे नम्बर 262/2 पर स्थित 26 भूखंडों को स्वयं द्वारा खातों में इंदराज बताकर अपनी कम्पनी एंजिल इन्फोटेक प्रा.लि. तर्फे डायरेक्टर एवं अपनी पत्नी स्वाति अग्रवाल के नाम अंतरित करवा लिए। किसान और दीपक अग्रवाल के बीच निष्पादित आम मुख्त्यारनामा प्रशासन ने अपनी जांच में अवैध और फर्जी माना, क्योंकि इस जमीन पर पहले से ही जगत सिंह द्वारा सैटेलाइट इन्फ्रा एंड रियल इस्टेट के नाम से कालोनी के एक भाग का नक्शा मंजूर करवाया जा चुका था, जिसमें उक्त सर्वे नम्बर 262/2 की जमीन भी शामिल थी। इतना ही नहीं भूखंडों की साइज में भी अंतर पाया गया और उस जमीन पर आज भी खेती की जा रही है। कलेक्टर की सख्ती के चलते हुई इस एफआईआर में आरोपी दीपक अग्रवाल के अलावा भगोड़े भूमाफिया चिराग शाह, गजराज सिंह को षड्यंत्रपूर्वक मुख्त्यारनामा की कूटरचना कर भूखंड के फर्जी विक्रय का दोषी पाया गया, वहीं उनके साथ अंकुर पिता सत्यनारायण, स्वाति पति दीपक अग्रवाल भी 467, 468, 470, 471, 120-बी और 34 के तहत एफआईआर दर्ज की गई।
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