नई दिल्ली। सीनियर पत्रकार और जिओपॉलिटिकल एक्सपर्ट फरीद जकारिया ने इजरायली प्रधानमंत्री को चतुर खिलाड़ी बताया है. उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया में ‘खतरे का वास्तविक दौर’ चल रहा है, जो इस बात की संभावना है कि अगर इजरायल और ईरान (Israel- Iran War) के बीच सीधी जंग होती है, तो यह पूरी तरह से क्षेत्रीय युद्ध में बदल सकता है. जकारिया ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को दुनिया के ‘सबसे चतुर खिलाड़ियों’ में से एक बताया और कहा कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों का लाभ उठाते हुए अगले 30 दिनों में इस इलाके में अधिक स्वतंत्रता के साथ काम करने की कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा कि “यहूदी राष्ट्र द्वारा क्षेत्र में ईरान समर्थित संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने के फैसले के बाद अब फोकस गाजा में इजरायल के युद्ध से हट गया है.”
जकारिया ने पिछले हफ्ते ईरान द्वारा इजरायल पर किए गए बैलिस्टिक मिसाइल हमले का जिक्र करते हुए कहा, “इसलिए मैं कहता हूं कि यह खतरे का वक्त है, क्योंकि अब इजरायल और ईरान के बीच सीधे तनाव बढ़ने की संभावना है. ईरान भले ही बहुत पॉवरफुल देश न हो, लेकिन यह हिज्बुल्लाह जैसा मिलिशिया भी नहीं है. यह 80 मिलियन की आबादी वाला एक मजबूत देश है और दुनिया के सबसे बड़े पेट्रोलियम निर्यातकों में से एक है.”
संघर्ष में अमेरिका की भूमिका के बारे में बात करते हुए, जकारिया ने कहा कि वाशिंगटन इजरायल को ईरान पर हमला करने के सिलसिले में मनाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन इस तरह से कि यह “खतरनाक रूप से उग्र” न हो. इसका मतलब है कि (ईरान के) परमाणु स्थलों और तेल रिफाइनरियों पर हमला न करें.
जब उनसे पूछा गया कि अगर ईरान के साथ इजरायल का बढ़ता संघर्ष युद्ध में बदल जाता है, तो क्या अमेरिका सीधे लड़ाई में शामिल होगा, तो जकारिया ने कहा, “मेरा अनुमान है कि अमेरिका इस मामले में बाहर रहने की कोशिश करेगा, सिवाय इसके कि वह इजरायल को रक्षात्मक तकनीक और रक्षात्मक मदद प्रदान करेगा. अगर ईरानी रॉकेट इजरायली शहरों पर बरसते हैं, तो अमेरिका उन्हें रोकने की कोशिश करेगा लेकिन मुझे नहीं लगता कि अमेरिका सीधे तौर पर इसमें शामिल होगा.”
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