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    प्रसिद्ध न्यूक्लियर साइंटिस्ट शेखर बसु का कोरोना से निधन

  • September 25, 2020

    राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद व पीएम मोदी ने व्यक्त किया शोक

    कोलकाता। भारत के प्रसिद्ध न्यूक्लियर साइंटिस्ट शेखर बसु का कोरोना वायरस से निधन हो गया। वह कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती थे। शेखर बसु एटॉमिक एनर्जी कमिशन (AEC) के पूर्व चेयरमैन, भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के निदेशक और एटॉमिक एनर्जी डिपार्टमेंट के सचिव रह चुके थे। उन्होंने तीन दिन पहले ही 68 साल के हुए थे। अपने जन्मदिन पर वह अस्पताल में ही थे।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत कई प्रतिष्ठित लोगों ने शेखर बसु की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया। शेखर बसु 15 सितंबर को अस्पताल ले जाए गए थे। यहां उनका ऑक्सिजन लेवल डाउन था और बाद में किडनी ने काम करना बंद कर दिया था।

    2014 में मिला था पद्मश्री
    मैकेनिकल इंजिनियर डॉ बसु को देश के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। उन्हें 2014 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। भारत की परमाणु ऊर्जा से संचालित पहली पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत के लिए बेहद जटिल रिऐक्टर के निर्माण में बसु ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

    परमाणु की फील्ड में रहा बड़ा योगदान
    शेखर बसु तारापुर और कलपक्कम में बने न्यूक्लियर रीसाइकल प्लांट के डिजाइन, डिवेलपमेंट, निर्माण और उसके संचालन से भी जुड़े थे। इस प्लांट में परमाणु के वेस्ट का मैनेजमेंट होता है। पूर्व एईसी के चेयरमैन और न्यूक्लियर साइंटिस्ट अनिल काकोधर ने कहा कि इतनी कम उम्र में उनका निधन होना बहुत बड़ा सदमा है। जितने भी एईसी के चेयरमैन हैं, वह उन सबमें सबसे कम उम्र के थे। उन्होंने वास्तव में, न्यूक्लियर सबमरीन रिऐक्टर और न्यूक्लियर रीसाइकलिंग प्रोग्राम की दिशा में बहुत ही अच्छा काम किया। उनके ही अच्छे योगदान से आज देश इस फील्ड में आगे है।

    मुंबई के वीरमाता से की थी इंजिनियरिंग
    शेखर बसु का जन्म 20 सितंबर 1952 को हुआ था। उनकी स्कूलिंग कोलकाता से हुई। उन्होंने मुंबई के वीरमाता जीजाबाई टेक्नलॉजिकल इंस्टिट्यूट से 1974 में मैकेनिकल इंजिनियरिंग की थी। न्यूक्लियर साइंस और इंजिनियरिंग में उन्होंने BARK से एक साल की ट्रेनिंग। ट्रेनिंग के बाद उन्होंने 1975 में रिऐक्टर इंजिनियरिंग डिविजन जॉइन किया था।

    राष्ट्रपति बोले, बड़ी क्षति
    राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया, ‘वयोवृद्ध वैज्ञानिक पद्म श्री डॉ. शेखर बसु का निधन राष्ट्र के लिए बहुत बड़ी क्षति है। परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष और परमाणु विज्ञान अनुसंधान के प्रमुख थे। उन्होंने परमाणु ऊर्जा से संचालित पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत में काफी योगदान दिया। उनके परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदना।’

    पीएम मोदी ने व्यक्त किया शोक
    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शेखर बसु के निधन पर शोक प्रकट किया। उन्होंने लिखा, ‘विख्यात परमाणु वैज्ञानिक शेखर बसु के निधन पर शोक की इस घड़ी में मैं परमाणु ऊर्जा बिरादरी के साथ हूं। उन्होंने परमाणु विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भारत को अग्रणी देशों में स्थापति करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और मित्रों के साथ है। ओम शांति।’

     

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