नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने मशहूर उद्योगपति राहुल बजाज के निधन (Industrialist Rahul Bajaj passes away) पर शोक व्यक्त किया है। सीतारमण ने एक ट्वीट कर कहा, ‘भारतीय उद्योग जगत की एक दिग्गज हस्ती का निधन। राहुल बजाज में अपने काम के प्रति जुनून था। उन्होंने पूरे उद्योग की आवाज उठाने के साथ कई नवोदित उद्यमियों का मार्गदर्शन किया। उनके परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदना।’
बजाज समूह के पूर्व चेयरमैन और देश के मशहूर उद्योगपति राहुल बजाज का शनिवार को निधन हो गया। राहुल बजाज ने 83 साल की आयु में पुणे स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। राहुल बजाज लंबे वक्त से कैंसर से पीड़ित थे। समूह के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। फोर्ब्स के 12 फरवरी, 2022 के आंकड़ों के मुताबिक राहुल बजाज की नेटवर्थ (दौलत) 8.2 अरब डॉलर करीब 62000 करोड़ रुपये है।
राहुल बजाज लंबे वक्त से कैंसर से पीड़ित थे। उनके योगदान के लिए उन्हें साल 2001 में पद्म भूषण सम्मान से भी नवाजा गया था। राहुल बजाज ने पिछले साल 29 अप्रैल, 2021 को बजाज ऑटो के चेयरमैन पद से इस्तीफा दिया था। वह 1972 से समूह के चेयरमैन पद पर कार्यरत थे। हालांकि, वह चेयरमैन एमेरिटस बने रहे। बजाज के परिवार में उनके दो बेटे राजीव बजाज और संजीव बजाज तथा बेटी सुनैना केजरीवाल हैं। उनके बेटे राजीव बजाज ने साल 2005 में कंपनी की बागडोर संभाल रहे हैं।
चेतक के निर्माता राहुल बजाज के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी
बजाज कंपनी का दोपहिया वाहन चेतक स्कूटर के नाम से अधिकांश लोग वाकिफ होंगे। मशहूर उद्योगपति राहुल बजाज के नेतृत्व में ही ये स्कूटर अस्तित्व में आया था, जो देखते ही देखते दोपहिया वाहन की श्रेणी में सबसे पसंदीदा ब्रांड बन गया था। चेतक स्कूटर की लोकप्रियता इतनी ज्यादा थी, उस वक्त बजाज समूह को देश की धड़कन कहा जाने लगा था। राहुल उस बजाज समूह के अध्यक्ष थे, जो अब नहीं रहे।
देश के मशहूर उद्योगपति राहुल बजाज का शनिवार को निधन हो गया। बजाज ग्रुप के पूर्व चेयरमैन राहुल बजाज ने 83 साल की आयु में पुणे स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। राहुल बजाज लंबे वक्त से कैंसर से पीड़ित थे। उनके योगदान के लिए उन्हें साल 2001 में पद्म भूषण सम्मान से भी नवाजा गया था। राहुल बजाज ने पिछले साल 29 अप्रैल, 2021 को बजाज ऑटो के चेयरमैन पद से इस्तीफा दिया था। वह 1972 से समूह के चेयरमैन पद पर कार्यरत थे।
राहुल बजाज ने साल 1965 से लेकर 2005 तक करीब 40 साल तक बजाज ऑटो के चेयरमैन का पद संभालते हुए कंपनी को बुलंदियों तक पहुंचाया। उनके बाद साल 2005 में उनके बेटे राजीव बजाज ने कंपनी की बागडोर संभाल ली। राहुल बजाज ने साल 2006 में राज्य सभा के लिए सांसद चुने गए और 2010 तक देश की सेवा राजनीति में रहते हुए की। राजनीति में रहते हुए भी वह हर बात पर अपनी बेबाक राय देते रहे। बजाज 2005 के बाद भी वह नॉन-एग्जिक्युटिव चेयरमैन की भूमिका में रहे और 2021 में यह पद छोड़ा।
एक रिपोर्ट के मुताबिक राहुल बजाज ने साल 1965 में बजाज समूह में अपनी जिम्मेदारी संभाला। इसके बाद उन्होंने लगातार मेहनत करते हुए बजाज समूह को देश के सबसे बड़े कारोबारी ग्रुप में से एक बना दिया। राहुल बजाज को दोपहिया वाहन की दुनिया में एक क्रांति लाने के लिए जाना जाता है। बजाज को समाज को दिए गए योगदान के लिए साल 2001 में पद्म भूषण सम्मान से नवाजा गया था। बजाज कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) के दो बार 1979-80 और 1999-2000 के दौरान अध्यक्ष भी चुने गए। इस दौरान उन्हें 2017 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा था। (एजेंसी, हि.स.)
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