नई दिल्ली: फिल्म इंडस्ट्री के फेमस डायरेक्टर श्याम बेनेगल (Director Shyam Benegal) का निधन हो गया है. उन्होंने 90 साल की उम्र में आखिरी सांस ली. श्याम लंबे समय से बीमार थे. मशहूर फिल्म मेकर (famous film maker) लंबे समय से बढ़ती उम्र के कारण अस्वस्थ चल रहे थे. उनकी बेटी पिया बेनेगल ने इस खबर की पुष्टि की और बताया कि एक दिन ऐसा होना तय था. बेनेगल को भारत सरकार ने 1976 में पद्म श्री और 1991 में पद्म भूषण से सम्मानित किया था. उनकी सफल फिल्मों में मंथन, जुबैदा और सरदारी बेगम शामिल हैं.
श्याम बेनेगल का इस दुनिया को अलविदा कह कर जाना पूरी इंडस्ट्री के लिए बड़ी क्षति है. खबर है कि उन्होंने 23 दिसंबर को शाम 6 बजकर 30 मिनट पर आखिरी सांस ली. हाल ही में उन्होंने अपना 90वां जन्मदिन सेलिब्रेट किया था. एक्ट्रेस शबाना आजमी ने अपने इंस्टाग्राम इस पार्टी की तस्वीरें शेयर की थीं. फोटो में श्याम बेनेगल, शबाना और नसीरुद्दीन शाह संग हंसते मुस्कुराते नजर आए थे. निर्देशक का जन्म 14 दिसंबर को हुआ था.
श्याम बेनेगल ने 1974 में फिल्म ‘अंकुर’ से निर्देशन की शुरुआत की थी. ये फिल्म सामाजिक मुद्दों पर आधारित थी. इस फिल्म ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिला दी थी. इसके अलावा भी उन्होंने महत्वपूर्ण फिल्में बनाई थीं. उन्होंने ‘निशांत’, ‘मंथन’, ‘भूमिका’ और ‘सरदारी बेगम’ जैसी यादगार फिल्में बनाईं, जिन्हें आज भी याद किया जाता है.
मालूम हो कि ‘मंथन’ पहली ऐसी फिल्म थी, जो दर्शकों के आर्थिक सहयोग से बनी थी. ये फिल्म डेयरी आंदोलन पर आधारित थी. उनकी फिल्मों की सबसे बड़ी खूबी ये रही कि वो आम लोगों के जीवन की सच्चाई और उनके संघर्षों को प्रामाणिकता के साथ प्रस्तुत करती थीं.
श्याम बेनेगल ने भारतीय सिनेमा को कई बेशकीमती कलाकार भी दिए, जिनमें शबाना आजमी, स्मिता पाटिल, नसीरुद्दीन शाह, ओम पुरी, अमरीश पुरी, अनंत नाग जैसे महान अभिनेता शामिल हैं. फिल्मों के अलावा दूरदर्शन पर आने वाले मशहूर सीरियल ‘भारत एक खोज’ और ‘कहता है जोकर’, ‘कथा सागर’ का निर्देशन श्याम बेनेगल ने ही किया था. श्याम बेनेगल ने अपने गुरु सत्यजीत रे और देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर भी डॉक्यूमेंट्री बनाई. अपनी आत्मकथा ‘एक्ट ऑफ लाइफ’ में अमरीश पुरी ने श्याम बेनेगल को चलता-फिरता विश्वकोश बताया है.
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