कोलकाता । कोरोना वायरस के चलते मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार को लेकर पश्चिम बंगाल में कोलकाता हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. कोर्ट ने शवों को अंतिम संस्कार के लिए परिवार को सौंपने का निर्देश दिया है. समाजसेवी विनित रुइया ने कोरोना के कारण मारे गए लोगों का अंतिम संस्कार सम्मान के साथ किए जाने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रशासन मृतकों का अंतिम संस्कार सम्मान के साथ नहीं कर रहा है.
याचिका पर सुनवाई करते हुए कोलकाता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीबीएन राधाकृष्णन और न्यायाधीश अरिजीत बनर्जी ने नौ दिशा-निर्देश जारी किए. कोर्ट ने कहा कि अगर पोस्टमार्टम की आवश्कता नहीं है तो शवों को परिजनों को सौंप दिया जाएगा. आदेश में कहा गया है कि अगर किसी मृतक के शरीर पर दावा नहीं किया जाता है तो सरकार को सम्मान के साथ अंतिम संस्कार या दफनाना चाहिए.
कोर्ट ने यह भी साफ कहा कि मृतक के परिजन शव को अपने घर पर नहीं ले जा सकते हैं . अस्पताल से शव को सीधे उन्हें अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट या कब्रिस्तान ले जाना होगा. शव को बॉडी बैग में रखा जाना चाहिए. चेहरे की ओर बैग का हिस्सा पारदर्शी होना चाहिए. यदि संभव हो तो शव को ले जा रहे लोगों को पीपीई किट, दस्ताने और मास्क पहनना चाहिए.
कोर्ट ने साफ किया कि बॉडी बैग का मुंह वाला हिस्सा श्मशान या कब्रिस्तान में जाकर खोला जा सकता है, ताकि परिजन मृतका का अंतिम दर्शन कर सकें. अंतिम संस्कार में धार्मिक अनुष्ठान, मंत्रों का पाठ, पवित्र जल का छिड़काव सब किया जा सकेगा, हालांकि किसी को शव को छूने की अनुमति नहीं होगी.
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