भोपाल। कोरोना कहर के बीच वित्त विभाग ने मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना को लागू करने का आदेश जारी कर दिया है।
कोरोना काल में सबसे बड़ी जिम्मेदारी फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर्स(Corona warriors) के कंधों पर है। कोरोना संकट के दौरान जनता की हिफाजत करते करते की कोरोना वॉरियर्स ने अपनी जान गंवा दी। मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) अब ऐसे राज्य कर्मचारियों के लिए दो योजना लागू करने जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने इस संबंध में कई बड़े ऐलान किए। जिसके तहत कोरोना से मरने वाले सरकारी कर्मचारियों के परिवार को 5 लाख रुपए का मुआवजा कर्मी के पति अथवा पत्नी को दिया जाएगा, हालांकि जारी आदेश के अनुसार योजना के मुताबिक मृत कर्मचारी की कोरोना की रैपिड एंटीजन या RT-PCR टेस्ट रिपोर्ट अनिवार्य है तभी इस योजना का लाभ मिलेगा ।
#COVID19 काल में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए जो कर्मचारी नहीं रहे, उनके परिवार में पात्र दावेदार को योजना अंतर्गत 5 लाख अनुग्रह राशि प्रदान करने का राज्य सरकार ने फैसला किया है।
इस योजना में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता,सहायिका,आशा कार्यकर्ता, इत्यादि सभी कर्मी सम्मिलित होंगे। pic.twitter.com/AxApdajM9f
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) May 17, 2021
आदेश की निम्न शर्तें
आदेश में साफ कहा गया है कि राशि पर पहला हक मृतक की पत्नी अथवा पति का होगा।
जिस दिन मौत हुई, उस दिन शासकीय कार्य में कार्यरत होना आवश्यक है.
परिवार में एक से अधिक सरकारी सेवक के पात्र होने पर प्रत्येक सदस्य के निधन पर अलग-अलग राशि दी जाएगी
सरकारी कर्मचारी योजना अवधि के दौरान कोरोना पॉजिटिव था, लेकिन उसकी मृत्यु योजना अवधि समाप्त होने के बाद संक्रमित होने के 60 दिन के भीतर हो जाती है, तो भी पात्र दावेदार को अनुग्रह राशि की पात्रता होगी.
कोरोना से मृत सरकारी सेवक को पूर्णकालिक होना चाहिए. अंशकालिक सेवक को योजना का लाभ नहीं मिलेगा.
यह योजना 1 मार्च 2021 से 30 जून 2021 तक लागू रहेगी.
इन अधिकारियों को किया गया अधिकृत
योजना का लाभ देने के लिए कलेक्टर को अधिकृत किया गया है. कर्मचारी जिस विभाग में कार्यरत था, उस कार्यालय का प्रमुख निर्धारित प्रारुप में अपने अभिमत सहित प्रकरण संबंधित कलेक्टर को भेजेगा। वहीं कार्यालय प्रमुख की मृत्यु होने पर प्रकरण में संबंधित विभाग के विभागाध्यक्ष अनुग्रह राशि स्वीकृत करेंगे।
मंत्रालय व विभाग के मुख्यालय में पदस्थ कर्मचारी-अधिकारियों के मामले में प्रकरणों में सामान्य प्रशासन विभाग या विभाग के प्रमुख स्वीकृति देंगे।
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