ग्वालियर: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Union Minister Jyotiraditya Scindia) के साथ अब उनके बेटे महाआर्यमन सिंधिया (Maha Aryaman Scindia) भी राजनीति में नजर आने वाले हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन सिंधिया को हाल ही में ग्वालियर डिविजन क्रिकेट एसोसिएशन का उपाध्यक्ष चुना गया है. जिसे लेकर राज्य की राजनीति (Politics) में गरमा गई है. बता दें कि कांग्रेस ने महाआर्यमन सिंधिया की नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं और वंशवाद के मुद्दे पर बीजेपी से सवाल किए हैं. वहीं शिवराज सरकार के मंत्री ने महाआर्यमन सिंधिया को आने वाले समय में राजनीति का चमकता सितारा बना दिया है.
कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह (RP Singh) ने कहा कि इस बात का इस बात का जवाब भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को देना चाहिए, जो वंशवाद का विरोध करते हैं. अब उनकी पार्टी में एक-एक करके नेता पुत्र आते जा रहे हैं. महाआर्यमन सिंधिया को जीडीसीए उपाध्यक्ष बनाए जाने पर आपत्ति जताते हुए आरपी सिंह ने कहा कि यह एक खेल संस्था है और इसमें किसी खिलाड़ी को ही स्थान दिया जाना चाहिए ना कि परिवार विशेष के लोगों को पद देकर खुद रखना चाहिए. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि भाजपा की युवा पीढ़ी उन्हें एक नेता के तौर पर स्वीकार नहीं करेगी.
वहीं सिंधिया समर्थक (Scindia supporters) माने जाने वाले नेता और शिवराज सरकार में ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने महाआर्यमन सिंधिया के जीडीसीए उपाध्यक्ष (GDCA Vice President) बनाए जाने पर खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कि वह अभी एक खेल संस्था में पदाधिकारी बनाए गए हैं और वह आने वाले समय में राजनीति के चमकते सितारे हैं. राजनीति में उनका स्वागत है.
बता दें कि महाआर्यमन से पहले उनके पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया और दादा माधवराव सिंधिया भी जीडीसीए में पदाधिकारी रह चुके हैं. साथ ही महाआर्यमन भले ही अभी सक्रिय राजनीति में नहीं उतरे हैं लेकिन पिछले 2 चुनाव में वह पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए प्रचार करते नजर आ चुके हैं. साथ ही महाआर्यमन ग्वालियर में भी खासे सक्रिय हैं, जिससे उनके जल्द ही सक्रिय राजनीति में आने की चर्चाएं शुरू हो गई हैं.
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