चित्रकूट: अभी तक आपने जेल जाने से बचने के लिए अधिकारियों और न्यायालयों के चक्कर काटने की खबरें देखी या सुनी होंगी. लेकिन चित्रकूट में एक बच्ची के परिजन उसे जेल भेजने के लिए अधिकारियों से विनती कर रहे हैं. चित्रकूट जनपद में एक 6 महीने की बच्ची को जेल भेजने के लिए उसके परिवार के लोग अधिकारियों के चक्कर काटने के लिए मजबूर हैं.
दरअसल, चित्रकूट जनपद के राजापुर थाना क्षेत्र के कस्बे में रामलीला देखने के दौरान एक युवती से पुलिस द्वारा अभद्रता करने पर आक्रोशित भीड़ ने दो सिपाहियों की पिटाई कर दी थी. जिस पर पुलिस ने 20 नामजद और 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत करते हुए 7 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. जिसमें पूजा नाम की विवाहिता महिला भी शामिल है. जिसकी एक 6 महीने की बच्ची है. पुलिस ने महिला को पुलिस से मारपीट के आरोप में जेल भेज दिया है. लेकिन उसकी बच्ची को उसके परिजनों के हवाले छोड़ दिया है.
जेल प्रशासन ने बच्ची को लेने से मना किया
दूधमुंही बच्ची के मां के जेल चले जाने की वजह से उसकी देखभाल करने के लिए घर पर कोई नहीं है. जिसकी वजह से बच्ची को अपने मां का दूध भी नहीं मिल पा रहा है. मां की गैरमौजूदगी में मासूम दिनभर रोती रहती है. बच्ची को बचाने के लिए उसकी दादी, उसे उसकी मां के पास जेल भेजने के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रही है. लेकिन कहीं भी उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई. जिसके बाद आज बच्ची को लेकर परिजन जिला कारागार रगौली पहुंच गए. जहां जेल के अधिकारियों से बच्ची को उसके माता के पास पहुंचाने के लिए गुहार लगाते रहे, लेकिन जेल के अधिकारियों ने भी बिना कोर्ट के आदेश के बच्चे को लेने से मना कर दिया.
मासूम को लेकर परिजन परेशान
बच्ची को लेकर उसके परिजन परेशान नजर आ रहे हैं. अब सवाल ये उठता है क्या 6 महीने की बच्ची को भी जेल जाना पड़ेगा? महिला ने 6 महीने की बच्ची को जेल भेजने के लिए सदर विधायक अनिल प्रधान से भी गुहार लगाई है. लेकिन किसी ने भी उसकी कोई मदद नहीं की है. ऐसे में उस 6 महीने की बच्ची का क्या कसूर है, जो वह अपने मां से दूर है. अब देखना यह होगा कि इस 6 महीने की बच्ची पर किसी को तरस आता है या फिर वह ऐसे ही बिना मां के अपनी दादी के साथ रहेगी. सवाल ये भी है कि अगर बिना मां के उसकी हालत बिगड़ती है तो इसका कौन जिम्मेदार होगा?
जेल अधीक्षक ने यह कहा
इस मामले में जेल अधीक्षक अशोक सागर का कहना है कि पुलिस द्वारा कागज में बच्ची के बारे में जानकारी नही दी गयी है. इसलिए जेल प्रशासन उसे जेल के अंदर नही रख सकता है, जब तक कि न्यायालय आदेश नही करता है. अगर न्यायालय का आदेश मिल जाता है तो उस बच्ची को उसके मां के साथ रख लिया जाएगा.
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