भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि पेगासस स्पाइवेयर (Pegasus spyware) से जासूसी कराने का मामला देश विरोधी ताकतों और कांग्रेस (Congress) द्वारा भारतीय लोकतंत्र को बदनाम करने की गहरी साजिश है। भारतीय जनता पार्टी पुरजोर तरीके से कांग्रेस के तथ्यहीन, निराधार और बेबुनियाद आरोपों का खंडन करती है और इस कृत्य की निंदा करती है। उन्होंने कहा कि जासूसी कराने का कांग्रेस का पुराना इतिहास रहा है। कांग्रेस खुद अपने नेताओं और सहयोगियों की जासूसी और फोन टेप कराती आयी है। इसलिए वह केन्द्र सरकार पर झूठे आरोप लगा रही है। श्री चौहान मुख्यमंत्री निवास पर पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे।
विदेशी ताकतें और कांग्रेसी देश के विकास को पचा नहीं पा रहे हैं
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पेगासस मामले में कांग्रेस झूठी कहानी गढ रही है। पेगासस की निर्माता कंपनी एनएसओ ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उनके ज्यादातर ग्राहक पश्चिमी देशों से है, तो इस मामले में भारत को निशाना क्यों बनाया जा रहा है ? यह झूठ की बुनियाद पर रची गयी कहानी है, क्योंकि इस मामले में भारत सरकार से जोड़ने का एक भी साक्ष्य नहीं है। श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वैभवशाली, गौरवशाली और समृद्धशाली भारत का निर्माण हो रहा है, जिसे कुछ विदेशी ताकतें और कांग्रेसी पचा नहीं पा रहे है इसलिए संसद के मानसून सत्र के पहले इस मामले को सामने लाया गया, ताकि देश के विकास के लिए इस सत्र में लाए जाने वाले 17 विधेयक प्रस्तुत न हो सके और गरीब, पिछड़े, महिलाओं और देश के अलग अलग वर्गो के मामले में सदन में चर्चा न हो सके। साथ ही विपक्ष द्वारा यहां तक प्रयास किया गया कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हुई महिलाओं और पिछड़े वर्ग के मंत्रियों का परिचय तक न हो पाए।
भाजपा के लिए राष्ट्र और कांग्रेस के लिए परिवार प्रथम
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी शुचिता की राजनीति में विश्वास रखती है। इसलिए हम हमेशा राष्ट्र प्रथम की भावना से काम करते आए हैं लेकिन कांग्रेस के लिए प्रथम और अंतिम सिर्फ एक परिवार विशेष रहा है। उन्होंने कहा कि जिस कांग्रेस की राजनैतिक ताकत शून्य हो गयी हो उसकी जासूसी करवाकर हम क्या करेंगे ? राहुल गांधी राजनैतिक रूप से शून्य है। आलू से सोना बनाने वाले व्यक्ति का फोन टेप करवाकर हम क्या करेंगे ?
कांग्रेस जासूसों से भरी पार्टी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कांग्रेस खुद जासूसों से भरी पार्टी है। अपनी ही पार्टी के लोगों की जासूसी कराने का कांग्रेस का पुराना इतिहास रहा है। तीन मूर्ति भवन से लेकर सफदरगंज रोड और 10 जनपथ में रहने वाले कांग्रेस के मुख्य नेता जासूसों से घिरे रहे है। वे खुद जासूसी करके न केवल देश बल्कि खुद अपनी ही पार्टी को कमजोर करते रहे है। श्री चौहान ने कहा कि श्रीमती इंदिरा गांधी ने लालबहादुर शास्त्री और वरिष्ठ नेता कामराज को जासूसी करके निपटाया था। श्रीमती सोनिया गांधी ने पीवी नरसिम्हाराव, सीताराम केसरी जैसे नेताओं को निपटाया था। अब राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जी-23 ग्रूप को निपटाने में लगे हुए है। उन्होंने कहा कि अपने नेताओं को निपटने के कांग्रेस के इतिहास को सबने देखा है। कांग्रेस दल नहीं दल-दल हो गया है और मध्यप्रदेश भी इससे अछूता नहीं है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में कमलनाथ को निपटाने का काम दिग्विजय सिंह ने किया। जब कमलनाथ मुख्यमंत्री तब दिग्विजय सिंह पल पल की जानकारी रखते थे और सरकार भी पीछे से चलाते थे।
राहुल गांधी बताएं कि वे गुपचुप चीन एम्बेंसी क्यों गए ?
श्री चौहान ने बिन्दुवार कांग्रेस नेताओं द्वारा की गयी जासूसी के तथ्य रखते हुए कहा कि राहुल गांधी देर रात गुपचुप चीन एम्बेंसी जाते है। राहुल गांधी को बताना चाहिए कि वे गुपचुप क्यों गए ? मणिशंकर अय्यर पाकिस्तान जाकर देश की सरकार गिराने के लिए पाकिस्तान से सहयोग मांगते है। ऐसे कई उदाहरण है जो कांग्रेस और जासूसी के संबंध उजागर करती है।
जासूसी कराने का कांग्रेस का पुराना इतिहास
उन्होंने कहा कि यूपीए के समय के आरटीआई में जानकारी सामने आयी थी कि यूपीए सरकार ने हर महीने 9 हजार फोन टेप किए। समाजवादी पार्टी के तत्कालीन महासचिव अमर सिंह, सीताराम केसरी, जयललिता, चन्द्रबाबू नायडू जैसे कई बड़े नेताओं ने यूपीए सरकार पर फोन टेपिंग के आरोप लगाए थे। इस मामले में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने उस समय कहा था कि फोन टेप सरकार नहीं बल्कि प्रायवेट एजेंसी ने किया है। इस मामले में भूपेन्द्र सिंह नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया था। 2010 में फोन टेपिंग का मामला ससंद में उठा था तब तत्कालीन वित्त मंत्री श्री प्रणव मुखर्जी ने कहा था कि इस मामले में मनमोहन सिंह पक्ष रखेंगे। विपक्ष ने इस मामले में जेपीसी की मांग की थी। जिसे तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने खारिज कर दिया था। जून 2011 में तत्कालीन वित्त मंत्री श्री प्रणव मुखर्जी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उनसे अपने कार्यालय की गड़बडी की गुप्त जांच कराने का अनुरोध किया था। उन्हें उनके केबिनेट के सहयोगी पर शक था। ऐसे एक नहीं बल्कि अनेकों उदाहरण है। जो यह दर्शाते है कि कांग्रेस का जासूसी कराने में पुराना इतिहास रहा है।
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