हातोद क्षेत्र के 91 गांवों में 1454 लोग पॉजिटिव… इनमें से भी 11 गांवों में 407 मरीज, एक्टिव केस 706
इंदौर संतोष मिश्र।
शहर की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों (Rural Areas) में महामारी (Epidemics) तेजी से बढ़ रही थी, लेकिनपिछले 1 सप्ताह से प्रशासन (Administration) की सक्रियता और लोगों की जागरूकता से संक्रमित मरीजों की संख्या को काबू कर लिया गया है। ग्रामीण क्षेत्र हातोद (Hatod) ब्लाक की 64 पंचायतों के कुल 91 गांवों में संक्रमित मरीजों की संख्या 1454 है। इनमें से 700 इलाज के दौरान ठीक हो गए हैं। वर्तमान में एक्टिव केस (Active Cases) 706 हैं। सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक सिर्फ 12 लोगों की ही मौत हुई है। हालांकि हकीकत में मौत का आंकड़ा ज्यादा है।
प्रशासन के रिकॉर्ड मुताबिक कुल 11 हॉट स्पॉट (Hot Spots) गांव है। इनमें वर्तमान में एक्टिव केस (Active Cases) 407 हैं। सबसे ज्यादा हातोद (Hatod) में 96, दूधिया में 40, तिल्लौरखुर्द में 39, देवगुराडिय़ा में 39, खुड़ैल में 37, बुढ़ानिया में 31, जंबूड़ी हप्सी में 29, माचल में 28, असरावदखुर्द में 27, खुड़ैल में 25 व पिवड़ाय में 16 संक्रमित मरीज हैं। इसके अलावा पलखेड़ी में 9, पीपल्दा में 14, नैनोद में 5, उन्हेल में 5, कलारिया में 12, जवाहर टेकरी में 10, सिनोदा में 11, जलारिया में 8, सेमलियाचाऊ में 5, धतूरिया में 11, खाती पीपल्या में 3, सोनवाय में 7, बुरानखेड़ी में 8, विशनखेड़ा में 4,चौहानखेड़ी में 5, हरनावदा में 6, गारीपीपल्या में10, सिंधी बड़ौदा में 4, उमरियाखुर्द में 6, सोन गुराडिय़ा में 7 और रालामंडल में 9 मरीज एक्टिव हैं।
15 गांवों में एक-एक ही मरीज
हातोद (Hatod) ब्लॉक के 15 गांवों में एक एक मरीज है। जिन गांवों में एक-एक मरीज है, उनमें हिंगोनिया खुर्द, गुरानखेड़ी, श्रीराम तलावली, धरनावदा, पानोद, बेगमखेड़ी, तेलीखेड़ा, बमन टेकरी, आठ मील, शांतिनगर टेकरी, हरनखेड़ी, गेहली, धरनावाद, गुरदाखाड़ी, तथा कपालियाखेड़ी हैं।
14 हजार 870 दवाइयों की किट बांटी
ग्रामीण क्षेत्रों (Rural Areas) में स्वास्थ्य विभाग द्वारा 14870 दवाइयों की किट बांटी गई है। बीएमओ डॉ. प्रकाश कौशल ने बताया कि इसमें से 5 फीवर क्लिनिक को 6450 , आरआरटी की 7 टीमों को 750, कोरोना टीम को 520, पंचायत को 1500, हातोद नगर को 250 तथा सीसीसी टीम को 300 दवाइयों की किट बांटी गई है। किल कोरोना (Kill Corona) अभियान में प्रशासन की टीम के साथ स्वास्थ्य विभाग, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम और आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों के स्वास्थ्य के संबंध में जानकारियां लेते हैं। अगर किसी घर में सर्दी-खांसी और बुखार के लक्षण वाले मरीज होते हैं तो उन्हें तुरंत दवाइयां दी जाती हैं।
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