शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि आज सुबह 8 बजकर 21 मिनट से शुरू हुई जो कल 6 बजे तक रहेगी
इन्दौर। देवाधिदेव महादेव (Mahadev) को समर्पित मार्च महीने का आखिरी प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) आज है। यह फलदायी व्रतों में से एक माना गया है, लेकिन आज से शहर के मंदिरों (Temples) को बंद करने से सैकड़ों भक्त भोलेनाथ (Bholenath) का अभिषेक पूजन (Abhishek Pujan) नहीं कर पाए।
हिंदू पंचांग (Hindu Panchang) के अनुसार यह फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है। आज के दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना का बड़ा महत्व है। प्रदोष के दिन भक्तों की भक्ति को देख भोले शंकर प्रसन्न हो जाते हैं और अपनी विशेष कृपा उन पर बनाए रखते हैं। दिन के अनुसार ही प्रदोष व्रत का नाम होता है, ऐसे में इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जा रहा है त्रयोदशी तिथि आज सुबह 8 बजकर 21 मिनट से शुरू हुई जो कल शनिवार सुबह 6 बजकर 11 मिनट तक रहेगी।
यह है प्रदोष व्रत का महत्व
यह व्रत भक्तों के सभी दोषों का निवारण करने वाला माना गया है। इस तिथि पर केवल शिवजी की ही नहीं बल्कि चंद्रदेव की भी पूजा की जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, सबसे पहला प्रदोष व्रत चंद्रदेव ने ही रखा था। इस व्रत के प्रभाव से भगवान शिव प्रसन्न हुए थे औऱ चंद्र देव को क्षय रोग से मुक्त किया था। इन दिनों होलाष्टक भी चल रहा है, इस दौरान भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा करना विशेष माना गया है।
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