नई दिल्ली । शिक्षा मंत्रालय की योजनाओं (Education Ministry Schemes) की फर्जी वेबसाइट (Fake Websites) सामने आने (Surfaced) के बाद मंत्रालय (Ministry) ने युवाओं (Youths) को किया सतर्क किया है (Alerted) । शिक्षा मंत्रालय की जानकारी में आया है कि नौकरी की तलाश कर रहे सीधे-सादे आवेदकों को ठगने के लिए मंत्रालय के विभागों व योजनाओं के नाम जैसी कई वेबसाइट मसलन समग्र शिक्षा आनलाईन व शिक्षा अभियान जैसी वेबसाईट बनाई गई हैं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह वेबसाइटें आवेदकों को रोजगार के अवसरों की पेशकश कर रही हैं और असली वेबसाइट की तरह वेबसाइट के लेआउट, कंटेंट और प्रस्तुतीकरण के माध्यम से नौकरी के इच्छुक लोगों को गुमराह कर रही हैं। साथ ही आवेदन के लिए प्रतिक्रिया देने वालों से पैसे की मांग कर रही हैं।
जहां स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के संज्ञान में इन वेबसाइटों के नाम आए हैं, वहीं ऐसी कई अन्य वेबसाइट एवं सोशल मीडिया खाते हो सकते हैं जो नौकरी का विश्वास दिला रही हैं और नियुक्ति प्रक्रिया के लिए पैसे की मांग कर रही हैं।
शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि इस संबंध में आम जनता को ऐसी वेबसाइटों पर रोजगार के अवसरों के लिए आवेदन से बचने और यह सुनिश्चित करने की की सलाह दी जाती है कि वेबसाइट अधिकृत हैं या नहीं। इसके लिए उन्होंने संबंधित विभाग की वेबसाइट पर जाकर व्यक्तिगत पूछताछ, टेलीफोन कॉल, ई-मेल के माध्यम से अपने हितों की रक्षा करनी चाहिए।मंत्रालय का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति इन वेबसाइटों पर जाकर आवेदन करता है तो वह ऐसा अपने जोखिम और कीमत पर करेगा। इसके परिणामों के लिए वह खुद ही जिम्मेदार होगा।
गौरतलब है कि इससे पहले भारत सरकार के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की फर्जी ईमेल आईडी बनाने का मामला सामने आया था। ग्रामीण विकास मंत्रालय के ग्रामीण विकास विभाग (डीओआरडी) के सचिव नागेंद्र नाथ सिन्हा की यह फर्जी ईमेल आईडी बनाई गई थी। इस मेल आईडी से डीओआरडी के कई हितधारकों को धोखा देने वाले ईमेल भी भेजे गए थे।
ग्रामीण विकास मंत्रालय के मुताबिक इस फर्जी आईडी से दीनदयाल उपाध्याय- ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई) के तहत एक परियोजना कार्यान्वयन एजेंसी- डेटाप्रो कंप्यूटर्स प्राइवेट लिमिटेड की परियोजनाओं को बंद करने के संबंध में एक विशेष ईमेल भेजा गया था।इस फर्जी ईमेल को ग्रामीण विकास विभाग के सचिव नागेंद्र नाथ सिन्हा के फर्जी हस्ताक्षर (साइन ऑफ) के साथ विभिन्न राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और कौशल इकोसिस्टम के अन्य हितधारकों को भी भेजा गया था।
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