उज्जैन। नगर निगम की वर्कशाप में खड़ी खटारा सिटी बसों को सुधारने के लिए आयशर कंपनी के मुख्य सर्विस सेंटर इंदौर से तकनीकी दल नहीं बुलाकर खंडवा के समीप छैगाँव से बुलाया गया जिससे शंका हो रही है कि कमीशन बाजी के चक्कर में ऐसा हुआ, जबकि उक्त गाँव में कंपनी का सर्विस सेंटर बिल्कुल छोटा है। इस पूरे मामले में निगम कमिश्नर जाँच कराएँगे।
इधर इस मामले में एक नया खुलासा हुआ है, जिसमें आयशर कंपनी पटेल मोटर्स इंदौर के एजीएम रमीज खान ने बताया कि खंडवा में आयशर कंपनी का कोई सर्विसिंग सेंटर नहीं है, ऐसे में खंडवा से आयशर कंपनी की कोई टीम का आना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि खंडवा के पास छैगांव है वहां एक छोटा सा वर्कशॉप है लेकिन छैगांव के वर्कशॉप के पास इनती कैपेसिटी एवं मशीनरी नहीं है और इतनी दूर से उज्जैन आकर काम करना उसके लिए संभव नहीं है।
ऐसा इसलिए है क्योंकि उज्जैन नगर निगम कमिश्नर क्षितिज सिंघल के समय में इंदौर से कोटेशन हमने भेजा था, जिसमें 2500 टीम के आने का चार्ज और 5000 रुपए प्रति बस चेक करके रिपेयरिंग कोटेशन बनाने का चार्ज बताया था जिसको कि उज्जैन नगर निगम कमिश्नर सिंघल द्वारा अप्रूव नहीं किया गया। यह कोटेशन हमने इंदौर से इसलिए भेजा था क्योंकि हमारा आयशर कंपनी का उज्जैन के सर्विसिंग सेंटर में मशीनरी एवं कैपेसिटी पर्याप्त नहीं है और छैगांव का वर्कशॉप उज्जैन से भी छोटा है। ऐसे में आयशर कंपनी इंदौर से रिपेयरिंग कोटेशन के लिए टीम ना बुलाकर छैगांव से उज्जैन नगर निगम अधिकारियों द्वारा सर्वे टीम क्यों बुलाई गई कहना मुश्किल है। बहरहाल नगर निगम के दोनों वर्कशॉप अधिकारियों के बयान में भिन्नता की सच्चाई क्या है एवं इंदौर आयशर कंपनी से सर्वे टीम ना बुलाकर खंडवा के पास छैगांव के आईसर वर्कशॉप की टीम ही उज्जैन आई या नहीं आई, क्योंकि निगम इंजीनियर का कहना है कि सर्वे टीम खंडवा से आई थी लेकिन खंडवा में आयशर कंपनी का वर्कशॉप नहीं है। आयशर कंपनी के इंदौर एजीएम द्वारा बताया गया ऐसे में खंडवा से कौन सी टीम आई यह सब अभी स्पष्ट नहीं है।
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