इन्दौर। बीते दिनों क्राइम ब्रांच की गिरफ्त में आई फर्जी एसडीएम नीलिमा पाराशर के खिलाफ एक और प्रकरण सराफा थाने में दर्ज हुआ है। उसने सराफा में अपना रुतबा बताकर एक ज्वेलर्स के साथ भी ठगी की थी। सराफा थाने में सत्यनारायण गर्ग निवासी सुखदेव नगर ने रिपोर्ट लिखाई है कि उनकी बड़ा सराफा में रत्नश्री ज्वेलर्स के नाम से दुकान है। नीलिमा पाराशर वहां पीली बत्ती लगी गाड़ी से पहुंची और खरीदारी की। एक-दो बार तो खरीदारी के बाद उसने पेमेंट कर दिया, लेकिन एक बार 4 लाख 19 हजार की ज्वेलरी खरीदी और पैसा तीन इंस्टालमेंट में देने का कहकर चेक ज्वेलर्स को थमा गई।
बाद में चेक रिटर्न हुआ तो ज्वेलर्स ने उससे संपर्क किया। इस पर उसने 2 लाख ज्वेलर्स के खाते में ट्रांसफर कर दिए। 50 हजार कलेक्टर ऑफिस में बुलाकर नकदी दिए। बचे एक लाख 69 हजार रुपए देने में अनाकानी करने लगी। बाद में उसकी पोल खुली तो ज्वेलर्स ने मामले में एफआईआर दर्ज करवाई। फर्जी एसडीएम बनकर नीलिमा पाराशर तेजाजी नगर थाना क्षेत्र में दंपति सहित कलेक्टोरेट में कई लोगों को चूना लगा चुकी थी, जिसकी शिकायते होने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था।
एक और सराफा कारोबारी से जालसाजी
उधर, सराफा कारोबारी से ठगी का एक और मामला सामने आया है। सराफा टीआई सुनील शर्मा ने बताया कि बड़ा सराफा के एक ज्वेलर्स की शिकायत पर नरेंद्र महाजन निवासी जंगमपुरा छत्रीपुरा के खिलाफ केस दर्ज किया है। आरोप है कि नरेंद्र सराफा कारोबारी से करीब 600 ग्राम जेवर यह कहकर ले गया कि उसे बेचने के बाद उसका कमीशन काटकर रुपए लौटा देगा, लेकिन बाद में उसकी नीयत में खोट आई तो कारोबारी को रुपए नहीं लौटाए।
फर्जी दस्तावेज लगाए
जूनी इंदौर पुलिस ने जालासजी के एक मामले में कार्रवाई की है। आरोप है कि कुटरचित दस्तावेज बनाए और उनका उपयोग किया गया। जूनी इंदौर टीआई योगेश सिंह तोमर ने बताया कि संजय कालरा निवासी सुदामा नगर कि शिकायत पर अंकित शर्मा के खिलाफ केस दर्ज किया है। यह बात पुलिस बता रही है कि संजय के खिलाफ जो अंकित ने केस दर्ज करवाया था। उसमें कूटरचित दस्तावेजों का उपयोग किया गया था, जिसका सत्यापन करने के बाद पूरे मामले में खुलासा हुआ।
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