इन्दौर। बाजार में असली गुलाबजल 300-400 रुपये प्रति लीटर से कम नहीं मिलता, मगर सेंट डालकर फर्जी गुलाब जल भी तैयार किया जा रहा है, जो मात्र 75 रुपये लीटर में बेच दिया जाता है। ज्यादातर कॉस्मेटिक दुकानों और पार्लरों में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। प्रशासन ने जवाहर मार्ग स्थित वीआईपी केमिकल कंपनी पर छापा मारकर फर्जी गुलाब जल बनाने का मामला पकड़ा और मौके से लगभग 1800 छोटी-बड़ी बोतलें जब्त की ।
एक तरफ खाद्य पदार्थों में तो मिलावट है ही, वहीं दवाइयों से लेकर अन्य सामग्रियों में भी मिलावट जारी है। कलेक्टर मनीषसिंह के निर्देश पर अपर कलेक्टर अभय बेडेकर ने कल जवाहर मार्ग स्थित वीआईपी केमिकल कंपनी पर छापा मारा, जो कि शनि मंदिर के पीछे मौजूद है। यहां पर गुलाब जल बनाया जाता है। वैसे तो जो शुद्ध गुलाबजल बाजार में मिलता है, वह गुलाब की पंखुडिय़ों से ही तैयार होता है, जिसकी कीमत 300-400 रुपये प्रति लीटर रहती है, लेकिन यहां पर गुलाब के सेंट की इस्तेमाल कर गुलाबजल बनाया जा रहा था। मौके पर ग्लिसरीन, चमेली का तेल, आलता सहित अन्य सामग्री भी जब्त की गई। लगभग 1800 बोतल 100 एमएल, 500 एमएल और एक लीटर की जब्त की गई। एक लीटर गुलाब मात्र 75 रुपये में बेचा जाता है, जबकि प्रतिष्ठित कंपनियों का गुलाबजल 75 रुपये 250 एमएल ही आता है। गुलाब जल का इस्तेमाल पूजा सामग्री में भी होता है। छापे के वक्त वीआईपी केमिकल कंपनी के रामचंद्र माटा के कहा कि पूजा सामग्री के लिए इस्तेमाल होता है, जबकि छापे के दौरान जो दस्तावेज मिले, उससे पता चला कि ज्यादातर गुलाबजल शहर के कॉस्मेटिक स्टोर पर बेचा जाता है। फैक्ट्री को सील कर दिया गया है और अब आगे की कार्रवाई कलेक्टर के निर्देश पर की जाएगी। मौके से खाली बोतलें सहित पैकिंग सामग्री जब्त हुई।
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