अफसरों ने शिकायत के आधार पर जांच कराई, मामला सही पाया
अब खाता बंद करने के लिए पहली बार निगम ने जाहिर सूचना दी
इन्दौर। भागीरथपुरा में एक वर्षों पुराने मकान का फर्जी सम्पत्तिकर खाता खुलवाने के मामले में शिकायत के बाद जब निगम अधिकारियों ने जांच की तो कई दस्तावेज कूटरचित पाए गए, जिसके बाद राजस्व विभाग द्वारा खाता बंद करने की प्रक्रिया शुरू की गई। खाते को लेकर किसी प्रकार का असमंजस न हो, इसलिए निगम ने जाहिर सूचना जारी कर दावे-आपत्ति
बुलवाए हैं।
पूर्व में भी कई झोनलों पर गलत तरीके से फर्जी सम्पत्तिकर खाते खुलने के मामलों की जांच हुई है और इनमें कुछ राजस्व अधिकारियों पर भी कार्रवाई की गई थी। झोनलों पर प्रस्तुत किए जाने वाले मकान की रजिस्ट्री और अन्य संबंधित दस्तावेजों के आधार पर नगर निगम द्वारा सम्पत्तिकर के खाते खोले जाते हैं और उसके साथ ही नामांतरण की प्रक्रिया भी की जाती है। हालांकि कुछ मामले ऐसे सामने आने के बाद अब निगम अधिकारियों द्वारा पूरे दस्तावेजों का सत्यापन कराया जाता है, मगर उसके बावजूद ऐसे मामले लगातार सामने आ रहे हैं। नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक भागीरथपुरा में सम्पत्तिकर का नया खाता गेंदालाल पिता पाचूराम द्वारा कई दस्तावेज प्रस्तुत कर खुलवाए जाने की शिकायत ललित पिता राजेंद्र कश्यप द्वारा नगर निगम अधिकारियों को की गई, जिसमें कहा गया कि उक्त सम्पत्ति पर कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर यह खाता खुलवा लिया गया। जब नगर निगम अधिकारियों ने इसकी छानबीन की तो मामला सही पाया गया। अब नगर निगम राजस्व विभाग की ओर से इस मामले में फर्जी कागजातों के आधार पर खोले गए खाते को बंद करने के लिए दावे-आपत्ति के लिए जाहिर सूचना जारी की गई है और 7 दिनों में संबंधितों को अपने दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा गया है, ताकि दावे-आपत्तियों की सुनवाई के बाद खाता बंद किए जाने की प्रक्रिया पूरी की जा सके।
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