जयपुर: जयपुर में इन दिनों फर्जी पुलिसकर्मी बनकर जेवर उतरवाकर रफूचक्कर होने वाली गैंग सक्रिय है. पुलिस की पकड़ से दूर गैंग के बदमाश जयपुर पुलिस के लिए चुनौती बने हुए हैं. पुलिस इन्हें पकड़ने के लिए सादा वर्दी में घूम रही है और ये बदमाश असली पुलिसकर्मी बनकर लगातार ठगी करते जा रहे हैं. इन वारदातों को देखते हुए जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ को भी खास अपील करनी पड़ी है.
राजधानी जयपुर में इस गैंग में शामिल दो या तीन बदमाश हेलमेट पहनकर बाइक पर सवार होकर आते हैं. सामान्य पेंट शर्ट पहने ये बदमाश खुद को क्राइम ब्रांच के पुलिसकर्मी बताकर शहर की किसी बड़ी कॉलोनी में सूनसान जगह पर खड़े होते हैं. फिर वहां से गुजरने वाली बुजुर्ग महिलाओं व पुरुषों को देखकर कॉलोनी में किसी क्राइम होने का डर दिखाते हुए उनके जेवर उतरवाते हैं. इन्हें कागज या कपड़े में लपेटकर रखने के बहाने जेवर लेकर भाग निकलते हैं.
पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ का कहना है कि कुछ इलाकों में ऐसा गिरोह सक्रिय है जो फर्जी पुलिसकर्मी बनकर लोगों को ठग रहा है. पुलिस कमिश्नर ने कहा कि ऐसी कोई कार्रवाई जयपुर पुलिस नहीं करती है. पुलिस कमिश्नर जोसफ ने अपील की है कि ये गैंग आपको गुमराह करती है. जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने अपील की है कि सड़क पर किसी को गहने उतारकर नहीं दें. ये फर्जी गिरोह है. ये आपको झांसा देकर जेवर ले जाने में सफल हो जाते हैं. जयपुर पुलिस कमिश्नर ने कहा कि जल्द ही इस गिरोह को पकड़कर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
इस तरह की पहली वारदात आदर्श नगर इलाके के तिलक नगर में रहने वाली डॉ. विभा खरे (68) के साथ हुई. वे सुबह के वक्त मॉर्निंग वॉक पर गईं थी. राजापार्क में परनामी मंदिर चौराहे पर एक लड़के ने आकर रोकते हुए कहा कि आपको पुलिस वाला बुला रहा है. कुछ दूरी पर 40-45 साल का व्यक्ति खड़ा था. उसने खुद को पुलिस अफसर बताते हुए कहा कि यहां रात को मर्डर हो गया है. इसलिए यहां नाकाबंदी हो रही है. खतरा है बहुत. आप अपने गहने उतारकर रख लो. फिर महिला ने कथित पुलिस अधिकारी के कहने पर अपने डायमंड जड़े गोल्ड कंगन और सोने का मंगलसूत्र उतारा. गहने उतारकर रखने के दौरान वह फर्जी अधिकारी उनके जेवर छीनकर अपने साथी के साथ बाइक पर बैठकर भाग निकला.
दूसरी वारदात शहर के जवाहर नगर इलाके के राजापार्क की गली नंबर-6 निवासी सुशील अरोड़ा (62) के साथ हुई. वे सुबह करीब 7 बजे मॉर्निंग वॉक पर निकली थी. राजापार्क में बाइक सवार दो व्यक्तियों ने उन्हें रोकते हुए पुलिसकर्मी बताकर डरा-धमकाया. हाथों में पहनी सोने की चार चूड़िया, सोने की अंगूठी और चांदी की 3 अंगूठी उतरवा ली. बांध के देने की कहकर सोने-चांदी के गहने ले लिए. नजर बचाकर सोने जैसे दिखने वाली नकली तीन चूड़िया देकर फरार हो गए.
तीसरी वारदात मोती डूंगरी इलाके में जवाहर नगर निवासी शशि गोलछा (58) के साथ हुई. वे सुबह के वक्त पूजा पाठ के लिए दादाबाड़ी जैन मंदिर गई थी. सुबह करीब 7:20 बजे पैदल घर लौट रही थी. नायला हाउस के सामने बाइक सवार दो व्यक्तियों ने उनको रोका. खुद को पुलिसकर्मी बताकर डरा-धमकाकर सोने की चार चूड़ियां उतरवाई. गहने छीनकर बदमाश सांगानेरी गेट की तरफ भाग निकले.
चौथी वारदात अशोक नगर इलाके में सी-स्कीम निवासी कांता अग्रवाल (64) के साथ हुई. वे सुबह 7:30 बजे मंदिर जाने के लिए निकली थी. घर से कुछ दूर एक आदमी ने आवाज लगाकर उन्हें रोका. लूट होने की बताकर अपने गहने खोलकर पेपर में लपेटकर अंदर रखने को कहा. हाथों में पहने सोने के दोनों कड़े उतारने पर बदमाश उनको छीन लिया. शोर मचाने पर बदमाश बाइक सवार साथी के साथ बैठकर फरार हो गया.
पुलिस के मुताबिक फर्जी पुलिसकर्मी बनकर ठगी की ये वारदातें ज्यादातर अलसुबह 7 से 9 बजे और दोपहर 2 से 3 बजे के बीच हो रही हैं. उस समय अक्सर सड़क पर लोगों की मौजूदगी कम होती है. वहीं, ज्यादातर उम्रदराज महिलाएं व पुरुष या कोचिंग छात्रों के पब्लिक पार्क, कोचिंग, मंदिर में आने जाने का वक्त होता है.
जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने भले ही दावा किया हो कि पुलिस इन बदमाशों के पीछे है. वे जल्द ही ये पकड़े जाएंगे. लेकिन हकीकत ये है कि बदमाश बेखौफ होकर ठगी की इन वारदात को अंजाम दे रहे हैं. लेकिन समय का तकाजा है कि पुलिस के साथ ही लोगों को भी सजग होना पड़ेगा ताकि वे इन गिरोह के चंगुल में ना फंसे.
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