नई दिल्ली। कोरोना के इस दौर में डिजिटल ट्रांजेक्शन को ज्यादा बढ़ावा दिया जा रहा है। जहां एक तरफ ये तरीका समय को बचाता है, वहीं दूसरी तरफ संक्रमण को फैलने के खतरे से भी हमारी रक्षा करता है। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन भले ही सुविधाजनक है, लकिन ये खतरे से खाली भी नहीं है। बढ़ते ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के साथ साथ ऑनलाइन हैकर या अटैकर की सक्रीयता भी बढ़ गई है।
हाल ही में ऐसे बहुत से मामले सामने आए हैं, जिनमें मासूम लोगों की कमाई को ऑनलाइन फ्रॉड के जरिए हड़प लिया गया है। इसलिए ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए आपको भी बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। आपको पता होना चाहिए कि बीते कुछ महीनों में पेटीएम स्पूफ ऐप के इस्तेमाल से मासूम लोगों के साथ धोखाधड़ी की घटनाएं काफी तेजी से बढ़ी हैं। इस ऐप का इंटरफेस ऑरिजनल पेटीएम ऐप की तरह ही दिखता है। इसी का इस्तेमाल करके अक्सर अटैकर लोगों के साथ आसानी से ठगी कर लेते हैं।
आपको इस बात के बारे में जरूर मालूम होना चाहिए कि इस तरह की ठगी किस तरीके से की जा रही है। ताकि आप कभी इसका शिकार न बन सकें। दरअसल, पेटीएम स्पूफ से संबंधित ज्यादातर मामलों में, ठग पहले किसी दुकान से कुछ खरीदते हैं। इसके बाद पेमेंट करते समय पेटीएम स्पूफ का इस्तेमाल करके नकली पेमेंट नोटिफिकेशन बनाते हैं।
ऐसा करने के लिए ठग दुकान का नाम, दुकानदार का फोन नंबर, और दूसरी डिटेल मांगते हैं। सारी जानकारी एंटर करके ये लोग उन्हें नकली पेमेंट दिखाते हैं, जो बिल्कुल असली जैसा दिखता है। इतना ही नहीं ये पेटीएम स्पूफ दुकानदार के अकाउंट में पेमेंट की नकली नोटिफिकेशन भेजता है, पर असल में बैंक अकाउंट में पैसा जमा नहीं होता है।
ऐसे घोटालों से बचने का तरीका
अगर आप भी इसका शिकार बनने से बचना चाहते हैं, तो आपको भी कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। किसी से भी पेमेंट को लेने के बाद आपको हमेशा अपने बैंक अकाउंट का बैलेंस अमाउंट चेक करना चाहिए।
इसके साथ ही आपको क्रेडिट के सोर्स को भी वेरीफाई करना चाहिए। वहीं सुनिश्चित करें कि पेमेंट क्रेडिट का नोटिफिकेशन हमेशा आपके बैंक से ही आना चाहिए।
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