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    फर्जी, पेड रिव्यू दिखाया तो लगेगा 10 लाख का जुर्माना, सरकार ने जारी की गाइडलाइन

  • November 21, 2022

    नई दिल्ली: मोदी सरकार ने फेक रिव्यू और पेड रिव्यू पर रोक लगाने के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं. नई Guidelines के तहत, कंपनियों के दोषी पाए जाने पर 10 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. E Commerce कंपनियों के लिए ये नई गाइडलाइंस 25 नवंबर से लागू होंगी. इन नए नियमों का मकसद फेक और पेड रिव्यूज पर सरकारी शिकंजा कसना है.

    इनके लागू हो जाने के बाद ई-कॉमर्स कंपनियां अब फेक और पेड रिव्यूज नहीं करवा पाएंगी. आज गाइडलाइंस जारी होने के साथ ही 18 नवंबर को चलाई गई खबर पर मुहर लग गई है. अग्निबाण ने शुक्रवार को सूत्रों के हवाले से बताया था कि कंज्यूमर मंत्रालय सोमवार को फेक रिव्यूज पर अपनी गाइडलाइंस जारी करेगा.

    ग्राहकों को सही प्रोडक्ट खरीदने में मिलेगी मदद
    सरकार द्वारा सोमवार को जारी नियमों के तहत, अब पेड रिव्यू को अलग से मार्क करना होगा. इससे ग्राहकों को मदद मिलेगी. उपभोक्ता रिव्यूज के आधार पर ग्राहक सही प्रोडक्ट खरीद सकेंगे. ई-कॉमर्स कंपनियों में गाइडलाइंस लागू करने पर सहमति बन गई है. आपको बता दें कि अभी गाइडलाइंस अनिवार्य नहीं है. हालांकि, जल्द ही गाइडलाइंस को अनिवार्य बनाया जाएगा. गाइडलाइंस के तहत, अगर कंपनियां नहीं मानती हैं, तो कंपनियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. यह कार्रवाई कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत होगी.


    नियमों के मुताबिक, यह मामला अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस में आएगा. इसके तहत कंपनियों पर पेनल्टी लगाने का प्रावधान होगा. कंपनियों पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है. बता दें कि ऐसे फर्जी रिव्यूज की वजह से ग्राहकों को प्रभावित करने से जुड़े मामले सामने आते रहे हैं, जहां उन्होंने रिव्यू पर भरोसा कर गलत प्रोडक्ट खरीदकर नुकसान उठा लिया. नई गाइडलाइन के साथ यह उम्मीद बंधेगी कि लोग आगे ऐसे फर्जी रिव्यू से बच सकेंगे.

    अमेजन, फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों को रहना होगा सावधान
    इन गाइडलाइन का मकसद उपभोक्ता के हितों की रक्षा करना है और किसी उत्पाद की सही जानकारी सामने लाना है. जिससे वो सामान की खरीद को लेकर सबसे सही फैसला ले सके. इन गाइडलाइन के दायरे में कंपनियों के द्वारा अपने उत्पाद के लिए पॉजिटिव रिव्यू के साथ साथ दूसरी कंपनी के उत्पादों के निगेटिव रिव्यू भी शामिल होंगे. सरकार के इस कदम से जोमैटो, स्विगी, नाएका, अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों पर कार्रवाई हो सकेगी.

    बता दें कि ई-कॉमर्स कंपनियां किसी भी उत्पाद के साथ उस प्रोडक्ट को खरीद चुके और इस्तेमाल कर रहे ग्राहकों के रिव्यू भी देती हैं. इनका मकसद ग्राहक को प्रोडक्ट को लेकर सही जानकारी देना होता है. हालांकि सेल्स बढ़ाने के लिए कई बार कंपनियां चुनिंदा ग्राहकों को गिफ्ट आदि देकर अपने प्रोडक्ट के लिए सकारात्मक रिव्यू लिखने को कहती हैं.

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